चण्डीगढ़

Chandigarh News: नाबालिग के सर्वोत्तम हित की जांच करना न्यायालय का कर्तव्य: हाईकोर्ट

चंडीगढ़ (मंजीत सहदेव): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस को एक नाबालिग लड़की को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिसे उसके पिता ने एक बुजुर्ग व्यक्ति से शादी करने से इनकार करने पर कथित तौर पर घर से निकाल दिया था। न्यायमूर्ति मनीषा बत्रा ने कहा, “याचिकाकर्ता संख्या 2 नाबालिग है और उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, इसलिए न्यायालय के लिए यह आवश्यक है कि वह माता-पिता के रूप में नाबालिग के हित में क्या सर्वोत्तम है, इसकी जांच करे और प्रतिवादी संख्या 2 को खुशप्रीत सिंह के मामले [खुशप्रीत सिंह और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य, 2022 (3) आरसीआर (सिविल) 988] में दिए गए निर्देशों के अनुसार वर्तमान मामले में सभी कदम उठाने का निर्देश देना उचित समझा जाता है।” खुशप्रीत सिंह के मामले में, उच्च न्यायालय ने नाबालिग बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों का एक सेट जारी किया, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
I. संबंधित जिले के पुलिस/पुलिस आयुक्त किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत गठित समिति के समक्ष नाबालिग/बच्चे को पेश करने के लिए एक बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को नियुक्त करेंगे।
II. संबंधित समिति किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 36 के तहत विचाराधीन जांच करेगी और सभी हितधारकों को शामिल करके उक्त अधिनियम की धारा 37 के तहत उचित आदेश पारित करेगी, तथा यह सुनिश्चित करेगी कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के उद्देश्यों की पूर्ति हो।
III. बाल कल्याण समिति नाबालिग के रहने और खाने के संबंध में उचित निर्णय लेगी तथा बच्चे/नाबालिग की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित सभी मुद्दों पर जांच करेगी।
पृष्ठभूमि
एक नाबालिग लड़की ने अपने पारिवारिक मित्र के माध्यम से न्यायालय से संपर्क किया, जिसमें उसने अपने माता-पिता से सुरक्षा मांगी, जिन्होंने कथित तौर पर उसे लोहे की छड़ से पीटा था क्योंकि उसने एक “बूढ़े व्यक्ति” से शादी करने से इनकार कर दिया था। लड़की अपने पारिवारिक मित्र के साथ रह रही थी क्योंकि उसे कथित तौर पर उसके घर से निकाल दिया गया था।
प्रस्तुतियाँ सुनने के पश्चात न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना याचिका का निपटारा करते हुए अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए उपरोक्त अभ्यावेदन पर विचार करें तथा यदि निजी प्रतिवादियों के हाथों याचिकाकर्ताओं को कोई खतरा है तो कानून के अनुसार कार्य करें तथा यदि आवश्यक हो तो उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान करें।
इसने नाबालिग लड़की तथा उसके पारिवारिक मित्र को इस आदेश की प्रति प्राप्त होने के 5 दिनों के भीतर अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया, ऐसा न करने पर एसएसपी एक बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को नियुक्त करेंगे, जो नाबालिग लड़की को एक सप्ताह के भीतर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
याचिका का निपटारा करते हुए न्यायालय ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत गठित बाल कल्याण समिति को उच्च न्यायालय को अनुपालन रिपोर्ट भेजने को कहा।
Manjeet

Recent Posts

Chandigarh News : पंजाब के राज्यपाल ने प्रमुख खेल पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री से की मुलाकात।

(Chandigarh News) चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद…

2 hours ago

Chandigarh News : श्री हनुमंत धाम में अयोध्या में भगवान राम की वार्षिक प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में तीन दिवसीय समारोह शुरू

(Chandigarh News) चंडीगढ़ । सोमवार को श्री हनुमंत धाम, सेक्टर 40-बी में महिला सुंदरकांड सभा…

2 hours ago

Chandigarh News : स्वस्तिक विहार में बारिश के पानी की निकासी का पाइप डालने का काम शुरू

कॉलोनी में बने होटल तथा ट्रांसपोर्टर द्वारा सड़क पर खड़ी की गई गाड़ियां नहीं हटाई…

3 hours ago

Chandigarh News : शिवसेना हिंद की विशेष बैठक का आयोजन ढकोली में किया गया

बैठक की अध्यक्षता शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय महासचिव दीपांशु सूद ने की (Chandigarh News) मेजर…

3 hours ago

Rewari News : सडक़ हादसों से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन जरुरी

टै्रफिक पुलिस ने रोडवेज के प्रशिक्षु चालकों को दी यातायात नियमों की जानकारी (Rewari News)…

3 hours ago