Chandigarh News: एस्टीपी की रिपेयर के चलते सीवरेज का दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर में जा रहा गिराया 

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Chandigarh News|जीरकपुर: शहर की आबादी 6 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है और इतनी बड़ी आबादी के लिए केवल एक ही एस्टीपी है। उसकी भी 6 मोटरों में से केवल दो या तीन ही काम करती है। बता दें के यहां लगी छह मोटरों में से 3 मोटरें कई वर्षों से खराब चल रही है क्योंकि शहर के सीवरेज वाले पानी में ग्रीस व तेल मिक्स होकर आ रहा था। जिसे रोकने में नगर परिषद विफल साबित हुआ है के वह ग्रीस व तेल कहां से आ रहा है। हालंकि सीवरेज बोर्ड व नगर परिषद द्वारा मिलकर इस ग्रीस व तेल का पता लगाने की पुरे लाइन की कई जगहों से चैकिंग की गई थी, लेकिन उसका पता नही लग पाया है। इस ग्रीस व तेल के रिसाव के कारण एस्टीपी के टेंकों में एक सल्ज इकठी हो गई है।
जिस कारण एस्टीपी को नुकसान हो रहा है और एस्टीपी की मशीनी प्रकिर्या भी पूरी तरह काम नही कर पा रही है। एक तो टेंको के सतह पर सल्ज इतनी ज्यादा हो गया है के प्रोसेसिंग के लिए एयर पाइप भी ब्लॉक हो चुकी है। जिस के चलते एस्टीपी टैंक को पूरी खाली कर सूखा कर पाइप लाइन क्लीन करने के बाद ही एस्टीपी दुबारा चालू किया जाएगा। ताकि सीवरेज वाले पानी को ट्रीट करने के बाद घग्गर में गिराया जा सके। इसके इलावा सीवरेज बोर्ड द्वारा दो नई मशीनों का बजट पास कर मंगवाई है, उमीद है के दिसंबर महीने तक वह लगा दी जाएगी। जिसका की कीमत करीब 12 लाख रूपये हैं। अब यहां सवाल यह खड़ा होता है के क्या इस 17 एमएलडी के एस्टीपी के साथ शहर का भला हो सकता है। अधिकारियों के बताएं अनुसार 17 एमएमडी का एस्टीपी ज्यादा से ज्यादा एक लाख की आबादी का सीवरेज ही ट्रीट कर सकता है। लेकिन मौजूदा समय की बात करें तो शहर की आबादी 6 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। जिसके लिए 70 से 80 एमएलडी एस्टीपी होना जरुरी है।
पिछले डेढ़ महीने से एस्टीपी बंद होने के शहर की सीवरेज का दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर दरिया में गिराया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं के किसी भी नदी नाले या दरिया नेचरुल वाटर रिसोर्स में दूषित पानी गिराना जुर्म है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बावजूद इसके शहर का दूषित पानी सीधा घग्गर में गिराया जा रहा है। हालंकि एनजीटी ने शहर की आबादी के हिसाब से एस्टीपी ना होने ओर दूषित पानी घग्गर गिराए जाने के चलते नगर परिषद को हर महीने लाखों रूपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। जिसके चलते नगर परिषद ने सनौली क्षेत्र में 22.5 एमएल डी का एस्टीपी लगाने की तैयारी का जा रही थी। लेकिन उस पर कुछ साथनीय लोगों द्वारा अदलाती स्टे ले रखी है। जिसकी सुनवाई अदलात में चल रही है। समस्या यह है के यदि तीन महीने एस्टीपी की रिपेयर के चलते सीवरेज का दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर में गिरता रहा तो यह बड़ी समस्या है।