Chandigarh News: डॉ. अशोक शर्मा, डायरेक्टर, डॉ. अशोक शर्मा कॉर्निया सेंटर, चंडीगढ़, ने 20 से 22 मार्च तक वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड कॉर्निया कांग्रेस में भाग लिया। डॉ. अशोक शर्मा ने पीडियाट्रिक (बाल चिकित्सा) कॉर्नियल ट्रांसप्लांट पर अपना शोध प्रस्तुत किया। नवजात शिशुओं और शिशुओं (1 वर्ष से कम उम्र) में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करना अत्यंत कठिन होता है। डॉ. शर्मा पिछले 30 वर्षों से बच्चों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। इस सम्मेलन में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और 225 आंखों में किए गए कॉर्नियल ट्रांसप्लांट के परिणाम प्रस्तुत किए।
डॉ. अशोक शर्मा के अनुसार, हालांकि बच्चों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन नियमित फॉलो-अप से अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। नेत्र चिकित्सकों को यह समझना चाहिए कि जन्म से कॉर्नियल ओपसिटी (अपारदर्शिता) के साथ जन्मे बच्चे भी कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी के माध्यम से अच्छी दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. अशोक शर्मा ने इस सम्मेलन में तीन पोस्टर प्रस्तुत किए। पहला पोस्टर बच्चों में उन्नत केराटोकोनस के मामलों में पैनेट्रेटिंग केरेटोप्लास्टी और डीप एंटीरियर लैमेलर केरेटोप्लास्टी (डीएएलके) के परिणामों की तुलना पर था। उनके अनुसार, बच्चों में डीएएलके एक सुरक्षित तकनीक है।
दूसरा पोस्टर बच्चों में केराटोकोनस के लिए तीव्र कोलेजन क्रॉसलिंकिंग पर आधारित था। यह तकनीक सुरक्षित और प्रभावी है तथा यह बच्चों के लिए सुविधाजनक है क्योंकि इसमें पारंपरिक तकनीक की तुलना में कम समय लगता है। तीसरा पोस्टर डॉ. राजन शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अम्बिलिकल कॉर्ड और मानव कॉर्नियल स्ट्रोमा से प्राप्त कॉर्नियल एक्सोसोम कल्चर पर शोध किया गया था।
डॉ. अशोक शर्मा एक अग्रणी कॉर्नियल सर्जन हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में वयस्कों और बच्चों दोनों में सर्वाधिक संख्या में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किए हैं।