Chandigarh News: धार्मिक आधार पर विभाजनकारी राजनीति बंगला देश व भारत दोनों के लिए खतरनाक : सीपीएम

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Chandigarh News: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बंगला देश में हिन्दुओ पर हो रहे हमलों की जंहा कड़े शब्दों में निंदा की है वंही भारत में पूजा स्थल अधिनियम के उलट सिविल कोर्ट के आए फेसलो पर गंभीर चिंता प्रकट की है। इन हालात में दोनों ही देशो में रहने वाले अल्पसंख्यक अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे है।
बरवाला स्थित शहीद भगत सिंह स्मारक में का.लच्छी राम की अध्यक्षता में हुई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की जिला कमेटी बैठक के बाद जिला सैक्ट्री का. सतीश सेठी ने कहा कि बंगलादेश के अधिकारी साम्प्रदायिक हमलों को रोकने व हिन्दुओ व अन्य अल्पसंख्यको की जान माल की रक्षा करने में नाकाम रहे है। इसलिए शांति और आपसी सदभाव बनाने के लिए बंगलादेश की अंतरिम सरकार फौरन ठोस कार्यवाही कर अल्पसंख्यको का विश्वास बहाल करे।सीपीएम केंद्र की मोदी सरकार से भी इस बारे गंभीरता के साथ कूटनीतिक कदम उठाने की मांग करती है।क्योंकि इन निंदनीय घटनाओ की आड़ लेकर भारत में भी साम्प्रदायिक ताकतें अनाप शनाप भड़काऊ प्रचार कर आपसी भाईचारा बिगाड़ने में लगी हुई है।
बैठक में बंगलादेश के हालात के साथ ही भारत में पूजा स्थल अधिनियम 1991 के विपरीत आए निर्णयों पर भी चिंता प्रकट की गई। जबकि अधिनियम में स्पष्ट है कि 15 अगस्त 1947 से पहले मौजूद किसी धार्मिक स्थल पर कोई कानूनी विवाद नहीं उठाया जा सकता है। परन्तु पहले उत्तरप्रदेश के संभल में जंहा पांच जाने चली गई और अब राजस्थान के अजमेर में सिविल कोर्ट द्वारा मस्जिद सर्वेक्षण की अनुमति दी गई जो क़ानून मुताबिक नहीं है। हालांकि माननीय सुप्रीमकोर्ट ने संभल मस्जिद मामला में सुनवाई पर रोक लगाई है। परन्तु सीपीएम मांग करती है कि सर्वोच्च न्यायलय फौरन हस्ताक्षेप कर केंद्र व राज्य सरकारों को स्पष्ट आदेश जारी कर क़ानून का राज  स्थापित करे।
बैठक में उक्त के इलावा का. आर एस साथी, रमेश नन्हेंड़ा, कर्म चंद व वेद प्रकाश उपस्थित रहे।