Chandigarh News: हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक एस.एस . ढिल्लों व अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित राज्य स्तरीय जिलावार कला कार्यशाला का तीसरा चरण आज सम्पन्न हो गया। पंचकूला व अंबाला जिले की कार्यशाला के दौरान बनाई गई विभिन्न कलाकृतियां जिसमें पोस्टर मेकिंग, स्टिल लाइफ, मिट्टी से बनी कलाकृतियां, लिप्पन कला, क्राफ्ट वर्क, रंगोली, ऑयल पेस्टल को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी भी लगाई गई।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संध्या छिकारा खंड शिक्षा अधिकारी मोरनी अनूप नांदल, खंड शिक्षा अधिकारी पिंजौर सीमा रानी, खंड शिक्षा अधिकारी बरवाला, जोगिंदर लाठर, खंड शिक्षा अधिकारी रायपुररानी सुमन चौधरी, बीआरसी बरवाला रमेश बत्रा, बीआरसी रायपुररानी शालिनी कपूर ने कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने उपरांत जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संध्या छिकारा ने कहा कि यहां विभिन्न प्रकार की कलाओं को एक ही मंच पर देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। हरियाणा शिक्षा विभाग की इस पहल से जहां कला शिक्षकों की कला में निखार आ रहा है, वहीं उन्हें कुछ नया सीखने की भी प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की विभिन्न कलाओं को यहां कला शिक्षकों ने सीखा व करके दिखाया है , उससे उम्मीद है कि आने वाले समय में इससे छात्र भी बहुत कुछ सीखेंगे और आगे बढ़ पाएंगे।आज अंतिम दिन मास्टर ट्रेनर सविता ने क्राफ्ट कला को सिखाया तथा उससे विभिन्न कलाकृतियों को बनवाया।
रायपुर रानी के गांव फिरोजपुर स्थित राजकीय उच्च विद्यालय की कला अध्यापिका लक्ष्मी ने बताया कि पिछले 12 वर्ष से वह हिंदी विषय प्राइवेट विद्यालय में पढ़ा रही थी । और हाल ही में 2023 में उनकी नियुक्ति कला अध्यापिका के तौर पर हरियाणा सरकार में हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षो से रंग नहीं देखे , ब्रश नहीं देखा, न पानी से खेले और जब यहां कार्यशाला में आए, एक अनुभव ऐसा किया कि गुरु के मार्गदर्शन में जब उन्होंने हमें तकनीक बताई तो हमारे अंदर का भी जो कलाकार था, जो सोई हुई शक्तियों थी वह जागृत हो गई। और हमें आज ऐसा अनुभव होता है इन सोई शक्तियों को जागृत करके हम वापस चलें और अपने जीवन में, अपने विद्यालय में और अपने राष्ट्र के विकास में नए रंग बिखेरेंगे और एक नया अध्याय लिखेंगे।