पंजाब: किसानों की मांगें मंजूर, धरना समाप्त

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Those who take Jobs from Fake Degrees are not Well
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आज समाज डिजिटल, Chandigarh News: संयुक्त किसान मोर्चे की अधिकतर मांगें मान लेने के बाद किसानों का धरना समाप्त हो गया है। इस धरने में 23 संगठन शामिल थे। मूंग की दाल की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए सीएम भगवंत मान ने किसान नेताओं को बताया कि राज्य सरकार ने 7,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समूची फसल की खरीद के लिए नोटिफिकेशन पहले ही जारी है।

किसानों से सहमति प्रकट करते हुए भगवंत मान ने धान की चरणबद्ध रोपाई के लिए 14 जून और 17 जून की नई तारीखों का एलान किया है और इसके साथ ही जोन की संख्या दो कर दी है, जबकि इससे पहले चार जोन बनाए थे। हालांकि, कंटीली तार से पार वाले सीमावर्ती इलाके वाली जमीनों को जोनों की बंदिशों से बाहर रखा गया है और इस क्षेत्र के किसानों को 10 जून से धान की फसल लगाने की इजाजत होगी।

बता दें कि इससे पहले धान की बुवाई चरणबद्ध ढंग से करने के लिए राज्य को चार जोनों में बांटा गया था, जिनमें जोन-1 में धान की बुवाई की तारीख 18 जून थी, जोन-2 की 22 जून, जोन-3 की 24 जून और जोन-4 की 26 तारीख तय की गई थी, ताकि भूजल के तेजी से गिर रहे स्तर को रोका जा सके।

मक्के की खरीद पर एमएसपी

पंजाब भवन में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसानों को जाकर तुरंत पनीरी लगानी शुरू कर देनी चाहिए, जिससे निर्धारित समय के अंदर धान की बुवाई को सुनिश्चित बनाया जा सके। सीएम ने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सर किसान फसली विभिन्नता के अपने प्रमुख कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीद के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप देने जा रही है।

केंद्र से उठाएंगे मसले

वहीं बासमती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बासमती पर तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान करने के लिए भारत सरकार पर जोर डालेंगे, जिससे किसानों को पानी की अधिक उपभोग वाली धान की फसल के बजाय मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस कदम से पानी की बचत होगी, जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए राज्य का एकमात्र बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है।