Chandigarh News, चंडीगढ़: रुला – रुला ही दिया तेरे लारो ने , जी हां ! ये चांद लाईनें किसी फिल्म या डायलॉग कि नहीं है बल्कि यह एक ऐसे कमजोर बेबस लाचार बेटी के पिता का रुदन है, जिसने डेढ़ वर्ष पूर्व अपनी बेटी का विवाह यह सोचकर तय कर दिया था कि उसे रिटायरमेंट का तो पैसा मिलने वाला ही है , जिस कारण वह आसानी से अपनी बेटी का विवाह कर पाएगा, लाचार पिता को यह बिल्कुल भी आभास नहीं था कि जिस विभाग को, उसने अपने सुनहरे जीवन काल के 40 वर्ष दिए हैं
वहीं विभाग एक दिन उन्हें इस कदर बेज्जत एवं मायूस करेगा । यह कोई राह चलता आम आदमी नहीं है बल्कि चंडीगढ़ नगर निगम बागवानी विभाग डिवीजन दो में काम करने वाला कृष्ण कुमार कि दर्दनाक कहानी है, कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने माली पद पर रहते हुए विभाग की करीब 40 वर्षों तक सेवा की है। वह 30 अप्रैल 2023 को रिटायर हुए थे, विभाग की तरफ से उन्हें फंड के स्वरूप करीब 17 – 18 लाख रुपए एवं पेंशन मिलनी थी, इसी उम्मीद से उन्होंने अपनी बेटी का विवाह तय कर दिया, परंतु उन्हें समय पर पैसा ना मिलने के कारण ,जहां उनकी बेटी का विवाह संकट में आ गया है ,वहीं उनकी बिरादरी में भी चारों तरफ बेज्जती हो रही है, करीब डेढ़ वर्षो से उनके परिजन यही आस लगाए बैठे हैं कि उनका रिटायरमेंट का पैसा आज मिले – कल मिले, आज मिले – कल मिले , निगम के लारों के साथ-साथ उसका धैर्य भी, दिन प्रति दिन, दम तोड़ता जा रहा है। कृष्ण कुमार हिमाचल के रहने वाले हैं, वह गांव तभी जा पाएंगे, जब उन्हें पैसा मिल जाएगा ।
उन्होंने बताया कि वह पिछले डेढ़ वर्षो से, करीब करीब सभी अधिकारियों के सामने हाथ पैर जोड़कर, विनती कर चुके हैं कि पैसे की वजह से उनकी बेटी का विवाह संकट में है, परंतु आज तक किसी भी अधिकारी का मन नहीं पसीजा । कृष्ण कुमार ने बताया कि वह हमेशा भगवान के आगे भी यही प्रार्थना करते हैं कि हे परमात्मा , बेशक गरीबी देना , परंतु ऐसी लाचारी एवं बेबसी किसी पिता को ना देना जो अपनी बेटी के हाथ पीले भी ना कर सके। कृष्ण कुमार ने रोष वक्त करते हुए कहा कि यहां सिस्टम बहुत खराब है,
यहां आम आदमी की कोई सुनने वाला नहीं है। वैसे तो नगर निगम छोटे-मोटे फंक्शन करके , करोड़ों रुपए हर साल पानी की तरह बहा देता है , परंतु जब कोई कर्मचारी अपने ही हक के पैसे विभाग से मांगता है तो , यह हमेशा फंड न होने का हवाला देकर उन्हें यूं ही भटकाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग से रिटरमेंट होने के बाद , मैं एक अकेला ही कृष्ण कुमार नहीं हूं जो अपने ही पैसे के लिए विभागीय अधिकारियों के सामने , हाथ पैर जोड़कर उनके सामने गिड़गिड़ा रहा हु, मेरे जैसे अनेक और भी लोग ऐसे हैं जो बेरहम दिल अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। बाप बेटी की आंखों से छलके आंसुओं का दर्द अधिकारियों के मन को पिंगला पाएगा कि नहीं , यह तो आने वाला ही समय तय करेगा, परंतु चंडीगढ़ नगर निगम की कार्यशाली पर एक बार फिर से सवालिया निशान उठने लगे हैं
नगर निगम के संयुक्त आयुक्त गुरविंदर सिंह सोढी ने बताया कि मेरे पास आज शाम को ही जी पी फंड की फाइल आई थी जो मैने साथ की साथ साइन कर विभाग को वापिस भेज दी,,और जो 2020 के बाद रिटायर हुए है उन की पेंशन चंडीगढ़ प्रशासन से मिले गी