Chandigarh News: चंडीगढ़ शहर के हर एक व्यक्ति के मन में यही बात है कि चंडीगढ़ नगर निगम में ठेकेदारी करने वाले आज मालामाल है और चंडीगढ़ नगर निगम कंगाल हो चुकी है ।इसका क्या कारण है ।नगर निगम के पास करोड़ों रुपये की फिक्स डिपाजिट थी ।काफ़ी अधिक बजट के बावजूद आज नगर निगम कंगाल कैसी हो गई है ।नगर निगम को फंड्स के लिए तरसना पड़ रहा है और यहाँ तक कि कर्मचारियों की तनख़्वाह देने के लिए भी पैसे नहीं है ।इसके बदले यदि नगर निगम में ठेकेदारी का काम करने वाले ठेकेदारों को देखा जाए तो उन्होंने दिन प्रतिदिन तरक़्क़ी की है ।जिन ठेकेदारों के पास कुछ समय पहले मामूली स्कूटर हुआ करते थे ।आज उनके पास लग्ज़री गाड़ियां है और वह बड़े बड़े मकान रह रहे हैं।यह एक ठेकेदार का हाल नहीं है ,बल्कि नगर निगम का काम करने वाला हर ठेकेदार मालामाल हो चुका है। इसको देखकर यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नगर निगम क्या पैसा लुटा रहा है या ख़र्च को सही तरीक़े से नहीं किया जा रहा है ।इसी को लेकर कई बार सवालिया निशान भी खड़े होते हैं ।कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने इस मामले को लेकर बड़े बड़े सवाल भी खड़े किए हैं। लेकिन हुआ कुछ नहीं 1996 में बनी नगर निगम में यदि देखा जाए तो विकास कार्य के लिए ख़र्च रक़म का कितना हिस्सा जो ठेकेदारों को कमीशन के तौर पर जा रहा है ।यह देखने वाली बात है। जब से नगर निगम बनी है ,तब से नगर निगम तो घाटे में जा रही है ,और नगर निगम में ठेकेदारी करने वाले फ़ायदे में जा रहे हैं।
समाजसेवी रामेश्वर गिरी ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत भी की है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जाँच होनी चाहिए ।उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही बड़ा है ।नगर निगम निगम के पास बड़े बड़े इंजीनियर और कई अधिकारियों की टीम है ।जो ख़र्च करते समय बकायदा उसका हर तरह से आकलन करते हैं ।ऐसे में वह निगम के पैसे से अधिक दामों पर कैसी काम करवा रहे हैं।
बॉक्स
नेताओं ,पत्रकारों और अधिकारियों के रिश्तेदारों के पास हैं अधिकतर ठेके सब मालामाल
कहने को तो चंदीगढ़ को सिटी ब्यूटीफुल कहा जाता है ,लेकिन इसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है ।जहाँ सफ़ाई व्यवस्था में शहर पिछड़ रहा है ।वहीं डम्पिंग ग्राउंड को लेकर भी चंडीगढ़ के निवासी परेशानी झेल रहे हैं ।यही नहीं शहर की अधिकतर सड़कें टूटी हुई हैं ।पार्कों की दशा का बुरा हाल है ।इसके अलावा लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है ।वही लोगों ने बरसात के दिनों में चंदीगढ़ के ड्रेनेज सिस्टम को देखा है ।किस तरह चंडीगढ़ में पानी भर गया था और लोगों की गाड़ियां तक डूब गई थी ।
इन सभी समस्याओं को देखा कर निवासियों के मन में यही सवाल आता है कि शहर में विकास क्यों नहीं हो रहा है ।दरअसल चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा चंदीगढ़ के अधिकतर कामों को करने के लिए ठेके दिए जाते हैं ,और निगम द्वारा काम के ठेके चंडीगढ़ के अधिकतर नेताओं ,उनके रिश्तेदारों ,पत्रकारों और बड़े बड़े अधिकारियों के रिश्तेदारों को दिए हुए हैं ।यही वजह है कि यदि चंडीगढ़ का विकास नहीं हो पा रहा है ।स्थानीय निवासियों की मानें तो शहर की वही समस्याएं हैं, जो पिछले कई सालों हल नहीं हो रही है ।इनमें सड़कें ,पानी ,बिजली ,सीवरेज ,ड्रेनेज सिस्टम के अलावा हॉर्टिकल्चर विभाग भी शामिल है ।
समाज अधिकार कल्याणक पार्टी के अध्यक्ष शम्भू बनर्जी ने कहा कि उन्होंने नगर निगम की कारगुजारी को लेकर चंडीगढ़ के एडवाइज़र को भी पत्र लिखा था ।उसके बाद विजिलेंस ने जाँच भी शुरू की गई थी ,लेकिन नगर निगम के ठेके बड़े बड़े अधिकारियों के रिश्तेदारों ,नेताओं ,पत्रकारों के पास है ।इसलिए विजिलेंस विभाग ने भी इस जाँच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है ।उनका कहना है कि उन्होंने इस मामले में विजिलेंस के पास अपने बयान भी दर्ज करवाए थे ,लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।उन्होंने माँग की कि इसकी जाँच सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी से होनी चाहिए।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.