Chandigarh News: चण्डीगढ़ नगर निगम के ठेकेदारों ने निगम सदन के बाहर बैठे रोष प्रदर्शन

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Chandigarh News: चण्डीगढ़ नगर निगम के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार आजकल त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं। नगर निगम उनके करोड़ों के बिलों का भुगतान करने में असमर्थ है, जिस कारण ठेकेदार भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इस मुद्दे पर आज निगम की हाउस मीटिंग के दौरान ठेकेदार यूनियन, नगर निगम, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा की अगुआई में बड़ी संख्या में अपने ठेकेदार साथियों के साथ हरीश गर्ग और संजीव चड्ढा ने भी इनके समर्थन का ऐलान कर दिया है।

हरीश गर्ग कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव हैं व संजीव चड्ढा चण्डीगढ़ व्यापार मंडल के महासचिव हैं। मिश्रा ने निगम अधिकारियों के खिलाफ भड़ास निकालते हुए कहा कि पिछले सात महीनों से ठेकेदारों के भुगतान लंबित हैं, तथा सिक्योरिटी एवं परफॉर्मेंस गारंटी की धनराशि जारी करने में भी अनावश्यक देरी की जा रही है।

सभी ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी व निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं, फिर भी भुगतान नहीं किया जा रहा जिस कारण उन्हें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बकाया भुगतान जल्दी ना किया तो काम बंद कर दिया जायेगा और 21 फ़रवरी को रोज़ फेस्टिवल के बाहर भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा, और किसी भी अप्रिय स्थिति की सूरत में पूरी जिम्मेदारी निगम व प्रशासन के अधिकारियों की होगी।

यूनियन के नेता राजीव पांडे ने कहा कि निगम के बाकी काम तो चलते रहते हैं, परन्तु ठेकेदारों के भुगतान करने के समय निगम अधिकारी आर्थिक तंगी का हवाला देने लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर समय निगम खाली कटोरा लेकर प्रशासन का मुंह देखता रहता है। इसलिए इसे भंग करके प्रशासन के हवाले कर दिया जाना ही उचित रहेगा।

उन्होंने कहा कि ठेकेदार अब बिलकुल भी निगम का काम करने को तैयार नहीं हैं। कई बार तो उनसे जबरदस्ती ये कह कर भी काम करवा लिया जाता है कि वीआईपी ने आना है। वे तो हर समय सहयोग करने को तत्पर रहते हैं, परन्तु अधिकारियों का रवैया बिलकुल भी अनुकूल नहीं होता। हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि सीपीडब्ल्यूडी मैनुअल के अनुसार, सुरक्षा राशि की समीक्षा हर महीने की जानी चाहिए और इसे समय पर जारी करना क्षेत्रीय लेखाधिकारी की जिम्मेदारी है।

लेकिन, कई बार अनुरोध करने के बावजूद भी इन भुगतानों को जारी नहीं किया जा रहा है।इसके अतिरिक्त, ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों में हुए विचलनों की स्वीकृति भी अभी तक लंबित है। इन विचलनों को शीघ्र स्वीकृत किया जाना आवश्यक है, ताकि लंबित बिलों और भुगतानों की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

स्वीकृति में अनावश्यक देरी से ठेकेदारों को और अधिक वित्तीय बोझ झेलना पड़ रहा है, जबकि सभी कार्य नगर निगम के निर्देशानुसार पूरे किए गए हैं।इस धरना प्रदर्शन में संदीप शर्मा, धर्मपाल, भगत सिंह, आशीष सलूजा, नरेंदर शर्मा, मुकेश बांसल, मुकेश बरमानी, अविनाश जैन, अजय शर्मा, हरप्रीत सिंह बैस, मयंक शर्मा, प्रदीप शर्मा, धीरज वधवा, सुरेंदर पाल सिंह, हेमंत शर्मा, एसपी गोयल, करमजीत सिंह, संदीप गोयल, प्रदीप शर्मा, परवीत सिंह व फूल चंद आदि भी मौजूद रहे।

नगर निगम सदन के बाहर ठेकेदारों ने शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया चलते सदन में हरदीप सिंह बुंदेला ने बाहर बैठे ठेकेदारों की आवाज सदन तक पहुंचाई उन्होंने अधिकारियों से कहा फंड शहर के विकास के लिए आते है फिर फंड शहर के विकास में ना लग सरकारी कर्मचारी के वेतन में चले जाते हैं इससे ऐसे तो शहर का विकास रुक जाएगा उन्होंने बाहर आकर ठेकेदारों को समझाया की उनके उनके मेहनत के काम किया गए पैसे जल्दी निगम द्वारा दे दिए जाएंगे निगम का कोई उच्च अधिकारी ठेकेदारों से बात करने नहीं आया कुछ देर बाद पुलिस कर्मचारियों द्वारा उन को सदन के बाहर बैठे ठेकेदारों को निगम बाहर भेज दिया गया ठेकेदारों ने अधिकारियों में प्रशासन से गुहार लगाई है की हम अपनी मेहनत के पैसे मांग रहे हैं हमें भिखारी की तरह सुबह से शाम तक अधिकारयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं इस से पहले भी दो ठेकेदारों पैसे ना मिलने पर आत्म हत्या करने पर मजबूर हो गए थे