Chandigarh News : चंडीगढ़ शहर में ठेकेदार कर रहे हैं 70% डिस्काउंट पर विकास कार्य

0
225
Contractors are doing development work in Chandigarh city at 70% discount
  • उच्च स्तरीय अधिकारियों से वाह वही लूटने के चक्कर में कहीं शहर का तो नहीं हो रहा बंटाधार

संजय अरोड़ा

(Chandigarh News) चंडीगढ़।  चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के नाम से प्रसिद्ध शहर जब एक स्मार्ट सिटी में तब्दील हो सकता है तो यहां की तकनीक एवं कार्य प्रणाली का स्मार्ट होना एक स्वाभाविक है, फर्क इतना है केवल यहां तकनीक एवं कार्यशैली पहले स्मार्ट हो गई और शहर बाद में। इसका साक्षात प्रमाण उसे समय देखने को मिला जब चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन कार्यरत ठेकेदारों ने, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर के विकास कार्यों के लिए जारी टेंडरों में कार्य की गुणवत्ता कायम रखते हुए 60 से 70% तक का डिस्काउंट दे डाला।

इन अलौकिक अवतारी ठेकेदारों ने अपनी जेब तो भारी ही, साथ में प्रशासन के आला अधिकारियों को भी खुश कर दिया कि इतने कम रेट में काम हो गया। करीब 70% डिस्काउंट देने के बाद 30% में कैसे जादूवाई काम हो गया, यह तो चमत्कारी ठेकेदार ही बता सकते हैं कि ये इतने कम रेट में कार्य को कैसे पूरा कर देते हैं , जबकि इसी कार्य को करने के लिए दूसरा ठेकेदार कभी कल्पना भी नहीं कर सकता , काम करना तो दूर की बात है। हैरानगी करने वाली बात तो यह है कि प्रशासन द्वारा जारी टेंडर के कार्य एवं उसकी गुणवत्ता चेक करने के लिए पूरा पैनल होता हैं जे. ई से लेकर आला अधिकारियों तक, फिर ये सारा खेल ठेकेदार कैसे खेलते हैं यह तो एक रहस्यमई बात है ।

आखिरकार सच्चाई क्या है इस बात का खुलासा तो तभी हो सकता है जब इसके ऊपर एक उच्च स्तरीय जांच हो, 70% डिस्काउंट में काम करने की बात को लेकर जब अन्य कंस्ट्रक्शन कंपनियों एवं ठेकेदार से बातचीत की गई तो उन्होंने अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि यह बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है कि इस दर में कोई कार्य हो जाए , क्योंकि प्रत्येक काम में औसतन 25 से 30 % लेबर का खर्चा आता है , यह ठेकेदार विद मटेरियल कैसे 30 परसेंट में काम कर रहे हैं यह तो वही बता सकते हैं जो इस काम को कर रहे है या करवाने वाले।

कुछ ठेकेदारों ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य तभी संभव है जब, किसी कार्य को बढ़ा चढ़ाकर के दामों में टेंडर लिया हो या काम अधूरा काम किया हो । इसके बारे में उच्च स्तरीय जांच का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह विषय बहुत ही गंभीर है, समय रहते यदि इस पर संज्ञान ना लिया गया तो चंडीगढ़ शहर के लिए यह एक घातक सिद्ध हो सकता है।

आरटीआई एक्टिविस्ट वकील शिव मूर्ति ने कहा कि यह मामला बहुत ही चौकन्ना वाला एवं गंभीर है , इस मामले की तह तक जाए बिना कुछ कहना जल्दबाजी होगा, इस मामले को लेकर उनका एक प्रतिनिधिमंडल संबंधित अधिकारियों से मिलेगा , उन अधिकारियों से पता करेंगे कि क्या सच में ठेकेदारी में इतना मार्जिन है कि कोई ठेकेदार कंपटीशन के इस दौर में 70% का डिस्काउंट दे सके। परंतु जहां तक उन्हें अनुभव है , उन्हें नहीं लगता कि ठेकेदार के काम में इतना मार्जिन है, शायद इस बात को विभागीय अधिकारी भी भली भांति जानते होंगे, कि कोई ठेकेदार 70 – 70 परसेंट का डिस्काउंट कैसे दे सकता है ।

इस संदर्भ में जब सी.पी. – 3 के कार्यकारी अभियंता सुरेश कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सवाल सुनते ही फोन काट दिया, इसके बाद उन्हें बार बार पुनः फोन करने पर, ना तो उन्होंने फोन उठाया और ना ही किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया दी।

ठेकेदारों द्वारा 70% का डिस्काउंट दिए जाने की बात जब मुख्य अभियंता सी. बी. ओझा से से पूछा गया तो उन्होंने मंद मंद मुस्कान के साथ बात को गोल मटोल करते हुए कहां की पहले जो लेबर करते थे वो बन गए दार वो लेबर भी आप कर रहे है ठेकेदारों को टेंडर एक प्रक्रिया के तहत दिया जाता है, परंतु जब उनसे यह पूछा गया है कि किसी कार्य में 70% प्लस जीएसटी का डिस्काउंट कैसे दिया जा सकता है तो इस संबंध के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा और हंसते हुए अपने ऑफिस से बाहर आ कर कहने चलो छोड़ो आप को पार्टी में ले चले किसी की रिटायर मेंट पार्टी में चले गए , जोकि वही समीप चल रही थी।

इस संदर्भ में जब विभिन्न ठेकेदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर वास्तविकता देखी जाए तो यह संभव नहीं है, परंतु आजकल बड़े ठेकेदार छोटे ठेकेदार को जड़ से खत्म करने के लिए कभी कभी इस प्रकार के हाथ कंधे अपनाते हैं ताकि उनका इस क्षेत्र में कोई कंपीटीटर ना रहे।

उसके बाद वह मन माने ढंग से अपना कार्य कर सके , इसके अलावा इस तरह के ठेकेदार ऑफिसर को खुश करने के लिए भी कार्य करते हैं, ताकि आला अधिकारी की अनुकंपा उन पर बने रहे । एक बार सच में सी भी आई जांच करवा कर तो देखें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा । वरना चंडीगढ़ शहर ठेकेदार एवं उच्च अधिकारियों के बीच, यूं ही , लूट खसूट का केंद्र बना रहेगा , क्योंकि ठेकेदार एवं अधिकारी को भी शायद यह लगता हैं कि यहां पर जो मर्जी धांधली कर लो, उन पर कोई नकेल कसने वाला कोई नहीं है । आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोप में,इससे पहले भी काफी मामले विजिलेंस में ऐसे ही ठंडे बस्ते में, लंबित पड़े हैं ।

यह भी पढ़ें: Yamunanagar News : चंदरपुर वर्क्स में विश्वकर्मा दिवस का भव्य आयोजन: सुधीर चंद्रा