AGRICULTURE

chandigarh news : विधानसभा में सीएम सैनी बोले प्रदेश में नहीं है खाद की कमी

पवन शर्मा
चंडीगढ़।
हरियाणा के मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। राज्य में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री  हरियाणा विधानसभा में डीएपी के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोल रहे थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में किस पैक्स पर कितनी खाद उपलब्ध है, उसका डेटा भी सरकार के पास है। यदि किसी सदस्य को जानकारी की आवश्यकता होगी, उन्हें यह जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में डीएपी की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे भी किसान के बेटे हैं, खाद की समस्या क्या होती है, ये उन्हें मालूम है। उन्होंने कहा कि नवंबर माह के लिए 1,10,200 मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन हुआ है।
एक अन्य सदस्य द्वारा सिरसा में डीएपी के स्टॉक की उपलब्धता के संबंध में किए गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सिरसा में 1 अक्टूबर, 2024 को डीएपी का प्रारंभिक स्टॉक 1063 मीट्रिक टन उपलब्ध था और आज 18 नवंबर को 2217 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है।
इसी प्रकार, जिला हिसार में आज भी 2087 मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है। हिसार में पिछले वर्ष से 216 मीट्रिक टन ज्यादा खाद दे चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश में डीएपी खाद की किसी भी प्रकार से कोई कमी नहीं है। केवल खाद की कमी की अफवाहें फैलाई जा रही हैं और किसानों को बहकाया जा रहा है। प्रदेश में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से रिजर्व बैंक के लोकपाल ने की शिष्टाचार मुलाकात*
हरियाणा के मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी से भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के लोकपाल श्री राजीव द्विवेदी ने चंडीगढ़ में शिष्टाचार भेंट की।
बैठक के दौरान लोकपाल ने मुख्यमंत्री को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कई उपायों की जानकारी दी। बैठक में महत्वपूर्ण रूप से रिज़र्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना 2021 पर चर्चा की गई जो ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ के सिद्धांत पर एकल खिड़की के रूप में काम करती है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने लोगों को वित्तीय लेन-देन करते समय सावधानियों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे खुद को डिजिटल धोखाधड़ी से बचा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को शेयर, क्रिप्टो करेंसी आदि में निवेश के प्रस्तावों के लिए धन हस्तांतरित नहीं करना चाहिए और खुद को डिजिटल गिरफ्तारी से भी बचाना चाहिए। साथ ही बैठक में संदिग्ध धोखाधड़ी की सूचना, भारत सरकार के पोर्टल sancharsathi.gov.in पर देने पर भी चर्चा की गई।
लोकपाल ने मुख्यमंत्री का ध्यान, इस क्षेत्र में रिज़र्व बैंक लोकपाल कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा हाल ही में किए गए प्रयासों की ओर दिलाया, जिसमें केन्द्रित जन जागरूकता कार्यक्रम भी शामिल हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित, वित्तीय धोखाधड़ी के तौर-तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाली पुस्तिका ‘राजू और चालीस चोर’ की प्रति भी भेंट की।

प्रदेश सरकार राज्य में सभी प्रकार के खाद की व्यवस्था करने में प्रशासनिक रूप से सक्षम
आज समाज नेटवर्क
चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  श्याम सिंह राणा ने डीएपी से संबंधित ध्यानाकर्षण का ज़वाब देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में सभी प्रकार के खाद की व्यवस्था करने तथा किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार उनके उचित वितरण के लिए प्रशासनिक रूप से सक्षम है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार खादों की मौसमवार एवं माहवार आवश्यकताओं का आकलन करती है और  योजना तैयार कर संबंधित राज्य को भेजी जाती है। हरियाणा का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी प्रतिदिन यूरिया एवं डीएपी एवं अन्य खादों की आवश्यकताओं, आपूर्ति, बिक्री एवं स्टॉक स्थिति की निगरानी करता है। भारत सरकार भी प्रत्येक मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद आपूर्तिकर्ताओं सहित राज्य के साथ आपूर्ति योजना की समीक्षा करती है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि तिलहन फसलों की बुवाई लगभग समाप्त हो चुकी है तथा गेहूं की बुवाई जोरों पर है। बुवाई के दौरान फॉस्फेटिक खादों का उपयोग/ड्रिल किया जाता है तथा यूरिया का उपयोग आमतौर पर फसलों में छिड़काव के रूप में किया जाता है। पिछले वर्ष रबी सीजन में डीएपी की बिक्री 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन थी और चालू रबी सीजन 2024-25 में भी इतनी ही बिक्री होने की उम्मीद है। भारत सरकार ने चालू रबी सीजन 2024-25 के लिए 2 लाख 60 हजार मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है। डीएपी का अक्टूबर और नवंबर 2024 का आवंटन 2 लाख 25 हजार मीट्रिक टन है। इस वर्ष रबी सीजन की शुरुआत में राज्य के पास 54,000 मीट्रिक टन का स्टॉक था और 16 नवंबर 2024 तक एक लाख 52 हजार मीट्रिक टन डीएपी भारत सरकार से प्राप्त हुई है। इस प्रकार, राज्य के लिए अब तक 2 लाख 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध कराया गया है जिसमें से 15 नवंबर 2024 तक एक लाख 86 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान एक  लाख 65 हजार मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी। इससे यह स्पष्ट है कि इस वर्ष इसी अवधि के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में खपत अधिक रही है। जिलों में अभी भी 21,000 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसान केवल डीएपी पर ही निर्भर नहीं हैं, बल्कि रबी की फसल उगाने के लिए अपनी पसंद के अनुसार एनपीके (NPK) और सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) खादों का भी उपयोग करते हैं। फसल के संपूर्ण पोषक तत्व सुनिश्चित करने के लिए ये खाद भी राज्य के किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने बताया कि रबी सीजन की शुरुआत में 43,000 मीट्रिक टन एनपीके का स्टॉक उपलब्ध था। एक अक्टूबर से 15 नवंबर 2024 तक 28,000 मीट्रिक टन एनपीके की मात्रा प्राप्त हुई है। इस प्रकार, एनपीके खादों की कुल उपलब्धता 71,000 मीट्रिक टन है, जिसमें से 49,000 मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है और 22,000 मीट्रिक टन एनपीके अभी भी राज्य में उपलब्ध है।
इसी प्रकार, रबी सीजन की शुरुआत में 80,000 मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का स्टॉक उपलब्ध था। एक अक्टूबर से 15 नवंबर 2024 तक 14,000 मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) की मात्रा प्राप्त हुई है। इस प्रकार, सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) खादों की कुल उपलब्धता 94,000 मीट्रिक टन है, जिसमें से 25,000 मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है और राज्य में अभी भी 69,000 मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) उपलब्ध है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए, राज्य में डीएपी और यूरिया खाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। राज्य और भारत सरकार खाद आपूर्ति की निरंतर निगरानी करती हैं। सरकार राज्य में कृषक समुदाय द्वारा आवश्यक सभी खादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। खादों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किए जा रहे हैं कि खाद वास्तविक किसानों तक पहुँचे। बेईमान तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।एक अप्रैल, 2024 से 185 छापे मारे गए हैं और 105 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इनके अलावा , 2। लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और 8 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इसी प्रकार , 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 16 मामलों में बिक्री रोक दी गई है।
श्याम सिंह राणा ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव संख्या 9 के संदर्भ में अतिरिक्त जानकारी देते हुए बताया कि नूंह जिला में पिछले रबी सीजन के दौरान एक अक्टूबर से 15 नवंबर, 2023 तक डीएपी की खपत 2680 मीट्रिक टन थी। वर्तमान रबी सीजन के दौरान एक अक्टूबर 2024 से 15 नवंबर 2024 तक डीएपी की उपलब्धता 435। मीट्रिक टन है।
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