Chandigarh News: बच्चों को गुड टच व बेड टच के बीच का अंतर समझाया

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Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में खंड मोरनी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत बाल विवाह रोकथाम व टीबी की रोकथाम के लिए जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को समझाया कि वे बेटियों को भी बेटों के समान ही बराबर का अवसर दें। शिविर में परियोजना अधिकारी डॉ. सविता नेहरा ने अध्यक्षता व चिकित्सा अधिकारी डॉ. सागर जोशी ने सहयोग दिया। लोगों द्वारा शपथ ली गई कि वह लड़कियों व अपनी बेटियों को एक बेहतर वातावरण व समाज देने में अपना पूरा सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज लड़कियां भी देश की प्रगति में अपना पूरा योगदान दे रही है। इसी के साथ ही हम देश के बेहतर भविष्य की तरफ कदम भी बढ़ा रहे हैं, जहां हमारी बेटियां खुलकर व बिना किसी डर के समाज में रह सके।

कार्यक्रम में पोक्सो एक्ट, गुड टच बेड टच, स्पॉन्सरशिप स्कीम, मिशन वात्सल्य के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। बच्चों को गुड टच व बेड टच के बीच का अंतर समझाया गया। साथ ही उन्हें बताया कि यदि उन्हें कोई छेड़ता है या गलत वीडियो बनाता है या गलत बात करता है तो वह घबराएं नहीं तुरंत इस बारे में अपने अभिभावकों को व अपने अध्यापकों को इसकी जानकारी दें। उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए 1098 और 112 हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यदि कोई अनचाहा बच्चा जन्म ले रहा है और उसे अभिभावक रखना नहीं चाहते तो वे उसे फेकने की बजाए महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला द्वारा जिले में स्थित बाल देखरेख संस्थान शिशु ग्रह सेक्टर-15, बाल निकेतन सेक्टर-2, बाल सदन सेक्टर-12 व आशियाना सेक्टर-16 में शिशु पालना ग्रह में छोड़ सकते हैं।

यहां कोई बच्चा छोड़ने वाले की पहचान उजागार नहीं की जाती। बच्चा जीवित रहेगा तथा इच्छुक परिवार को कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी को कोई बेसहारा बच्चा मिलता है तो इस बारे में तुरंत 112, 1098, 0172- 258 2220 पर जानकारी दें।

कार्यक्रम में डॉक्टर सविता नेहरा द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। इस बारे उन द्वारा बताया गया कि इस अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है और उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की कड़ी का और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

डॉक्टर सागर जोशी ने बताया गया कि टीबी एक लाइलाज बीमारी नहीं है। यदि इसका पूरा ट्रीटमेंट लिया जाए तो यह ठीक हो सकती है। इलाज के लिए सरकार द्वारा मुफ्त दवाई भी दी जाती है। सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है। डॉक्टर जोशी द्वारा मेंटल स्ट्रेस पर भी बात की गई कि कैसे आजकल बड़े व बच्चे डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं, जिसके कारण छोटे बच्चों में भी सुसाइड के केस बढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि यदि किसी भी अभिभावक को अपने बच्चों के बर्ताव में कोई भी बदलाव नजर आए जैसे कि किसी से बात ना करना, बाहर न निकलना, जल्दी गुस्सा आना आदि तो वह बच्चों से खुलकर बात करें व यदि जरूरत पड़े तो बच्चों की काउंसलिंग भी करवाएं और यह जरूरी नहीं कि केवल बच्चे ही डिप्रेशन का शिकार हो बड़े भी इसका शिकार हो सकते हैं, क्योंकि आजकल हमारे जीवनशैली व कार्यशैली में काफी बदलाव आ चुका है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को रिफ्रेशमेंट दी गई। कार्यक्रम में एएनएम पूनम सूद, डाटा एंट्री ऑपरेटर सतपाल शर्मा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरोज, लता, चंपा व मीनाक्षी भी उपस्थित रहे।