Chandigarh News : मंजीत सहदेव। चंडीगढ़। चंडीगढ़ (Chandigarh) प्रशासन मदरसों (Madrasa) में पढ़ने वाले सभी बच्चों को सरकारी स्कूलों (Government School) में भर्ती करवाएगा। इसी को लेकर चंडीगढ़ बाल कल्याण विभाग (Child Welfare Department) और शिक्षा विभाग (Education Department) ने चंडीगढ़ में मौजूद सभी मदरसों की जांच करनी शुरू कर दी है।
इसी को लेकर अब इन दोनों विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जहाज निर्माण शुरू कर दिया है। इसी के चलते बीते दिनों में सभी मदरसों की जांच की गई है। दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अब बच्चों को मदरसों में पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
शिक्षा विभाग का लक्ष्य अपंजीकृत मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए मान्यता प्राप्त सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि एनईपी (NEP) को अक्षरश: लागू किया जा सके। Chandigarh News
मुख्य ध्यान तीन मुख्य मदरसों पर Chandigarh News
मदरसा अरबिया फैजुल इस्लाम बुराल, मनीमाजरा में एजाहुल-उलूम मुजद्दिदी और मदरसा शीराज-यू1-उलूम। वर्तमान में इन मदरसों में 394 छात्र नामांकित हैं जिनमें से 392 मुस्लिम हैं और 2 गैर-मुस्लिम परिवारों से हैं जिन्होंने सरकारी स्कूल में दाखिला लेने से इनकार कर दिया है।
नियमित स्कूलों के बजाय मदरसों में जाने वाले मुस्लिम छात्रों में, मदरसा अरबिया फैजुल गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को सरकारी/मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। आपको निजी स्कूलों से ऐसे छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे अपने स्कूल (School) में दाखिला ले सकें ताकि वे मुख्यधारा की औपचारिक शिक्षा प्राप्त कर सकें।
17-5-2012 के पत्र में कहा गया है कि NEP को लागू किया जा रहा है। सीसीपीसीआर (CCPCR) की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने कहा कि CCPCR के सदस्यों ने मदरसा एजाहुल-उलूम लाम बुरैल में निरीक्षण के दौरान 235 छात्रों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, इसके बाद मनीमाजरा में 114 ने किया है।
औचक निरीक्षण में जनवरी में मदरसा अरबिया फैज में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और साफ-सफाई के मुद्दों का खुलासा हुआ था जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा था। सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने मदरसा एजाहुल-उलूम लाम बुरैल में उचित कानूनी दस्तावेजीकरण की कमी की जांच की है।
इसके बाद, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने हाल ही में इन मदरसों में 3 बैठकें कीं जिसमें सरकारी या निजी स्कूलों की स्थिति में सुधार के आधार पर कक्षा क में सीधे प्रवेश की आवश्यकता बताई गई। एनसीपीसीआर (NCPCR) के दिसंबर में किए गए दौरे के बाद, CCPCR ने इन मदरसों में 3 निरीक्षण किए, जिसमें मदरसा एजाज सहित कई क्षेत्रों के छात्रों को सीधे कक्षा क में प्रवेश मिलता है।
वर्ष 2012 में जारी उप-पत्र में कहा गया है कि हमने शिक्षा विभाग के साथ विचार-विमर्श किया है और पाया है कि इन मुद्दों को सुलझाने के लिए इच्छुक छात्रों को कक्षा 9वीं में प्रवेश दिया जाना चाहिए। NEP के अनुसार एसटीसी (STC) में प्रत्येक छात्र को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करना महत्वपूर्ण है। Chandigarh News
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