Chandigarh News : लक्जमबर्ग में हुई चंडीगढ़ के हेरिटेज फर्नीचर की नीलामी, 10.23 लाख लगी बोली

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Chandigarh News | चंडीगढ़: शहर के हेरिटेज फर्नीचर की विदेश में नीलामी जारी है। एक दिसंबर को लक्जमबर्ग के एक नीलामी घर ने शहर के हेरिटेज कुर्सी और स्टूल की नीलामी हुई। यह चिंता की बात है, क्योंकि चार अक्तूबर को ही फ्रेंच डेलिगेशन चंडीगढ़ पहुंचा था। प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा के साथ हेरिटेज फर्नीचर की विदेशों में नीलामी को लेकर बैठक हुई थी। इसके बावजूद फर्नीचर की नीलामी जारी है।
इस नीलामी की चंडीगढ़ हेरिटेज आइटम्स प्रोटेक्शन सेल के पूर्व सदस्य अजय जग्गा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को शिकायत देकर जांच की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि हर साल करोड़ों का हेरिटेज फर्नीचर विदेशों में नीलाम हो रहा है। ऐसा तब हो रहा है, जब एमएचए ने हेरिटेज फर्नीचर की नीलामी पर रोक लगा रखी है। संभाल न करने के चलते प्रशासन को भी राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है। जग्गा ने बताया कि एक दिसंबर को लक्जमबर्ग के लक्स ऑक्शन्स नीलामी घर ने चंडीगढ़ के कुर्सियों और स्टूल की नीलामी की। इसकी कुल कीमत 10.23 लाख रुपये लगी है। उन्होंने बताया कि इस नीलामी में पियरे जेनरे की ओर से डिजाइन किए दो ऑफिस कुर्सी, एक रेक्टेंगुलर लो स्टूल और पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट चेयर है। जग्गा ने बताया कि अब ऑक्शन हाउस यह भी बताने लग गए हैं कि हेरिटेज आइटम चंडीगढ़ में कहां की है। उन्होंने मांग की है कि हेरिटेज फर्नीचर की ऐसी सभी नीलामी को रोकने के साथ ही इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिरकार देश से बाहर ये हेरिटेज फर्नीचर पहुंच कैसे रहा है। जग्गा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से लगातार शहर के हेरिटेज फर्नीचर की अमेरिका, फ्रांस और यूरोप में नीलामी हो रही है।

चार अक्तूबर को ही फ्रांस का डेलिगेशन पहुंचा था चंडीगढ़

हेरिटेज फर्नीचर की चोरी और विदेशों में हो रही नीलामी को रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। चार अक्तूबर को फ्रांस का एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ पहुंचा था, जिसका नेतृत्व संस्कृति, शिक्षा और विज्ञान की काउंसलर ग्रेगोर ट्रुमेल ने किया था। चर्चा के दौरान कार्बूजियर और पियरे जेनरे की ओर से डिजाइन किए गए हेरिटेज फर्नीचर की अवैध नीलामी का मुद्दा भी उठाया गया। प्रशासन ने फर्नीचर से संबंधित मूल चित्र और दस्तावेज प्राप्त करने में फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल से सहायता मांगी। यह भी जाना गया कि फ्रांस कैसे अपने हेरिटेज फर्नीचर की रक्षा कर रहा है। एक जॉइंट वर्किंग ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया। इस योजना का उद्देश्य उन धरोहर वस्तुओं का पता लगाना और उन्हें वापस लाना है जो चोरी या विदेशों में नीलाम की गई हैं। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोक कार्रवाई नहीं हुई है।