Chandigarh News : जैसे जैसे देश के अलग अलग राज्यों में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ।इसी प्रकार चंडीगढ़ में भी स्थिति ख़राब होती हुई दिखाई दे रही है ।इसी को लेकर अब तक चंडीगढ़ प्रशासन भी हरकत में आ गया है और प्रशासन द्वारा सड़कों पर छिड़का करवाना शुरू कर दिया है।
सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर शहर चंडीगढ़ की हवा जहरीली हो गई है। हवा में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि शहर की हवा सांस लेने लायक भी नहीं बची है। आलम यह है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में देश के सबसे पांच खराब शहरों में सिटी ब्यूटीफुल का नाम भी है।
वहीं, अब नगर निगम और प्रशासन हरकत में आया है और मंगलवार को शहर के कुछ सेक्टरों में पानी की बौछारें की गई हैं। मंगलवार को चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 349 दर्ज किया गया है। इसलिए शहर के विभिन्न सेक्टरों और आसपास के एरिया में एंटी स्मॉग गन से पानी की बौछारें की गई हैं, ताकि धूल मिट्टी न उड़े और शहर की हवा में प्रदूषण के कण कम हो सके। नगर निगम ने सेक्टर-37, सेक्टर-9, 10, 16, 17 सहित अन्य सेक्टरों में भी एंटी स्मॉग गन से पानी की बौछारें की हैं।
बता दें कि दिवाली के बाद से ही शहर में खराब प्रदूषण रिकॉर्ड किया जा रहा है। शहर का दो दिन पहले एक्यूआई 329 तक दर्ज किया गया था, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। यह स्थिति शहरवासियों, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य खतरे का कारण बन सकती है।
ये हैं प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण के इस स्तर के पीछे दिवाली पर छोड़े गए पटाखों का धुआं, पराली जलाने से उत्पन्न स्मॉग और सर्दियों की शुरुआत में मौसम की स्थिति जैसे कारण जिम्मेदार हैं। शहर में बढ़ता निर्माण कार्य, वाहन प्रदूषण और उद्योगों से निकलने वाले धुएं ने भी इस समस्या को और बढ़ाया है।
फेफड़ों में पहुंच रहे प्रदूषण के कण
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर लंबे समय तक रहने पर स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। जहरीली हवा में मौजूद छोटे-छोटे प्रदूषण के कण सांस के माध्यम से फेफड़ों में पहुंच जाते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी, खांसी, आंख और गले में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।