Chandigarh News: सीबीआई चंडीगढ़ ने एक आईएएस अधिकारी सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के पूर्व डीएम व वर्तमान राज्य प्रशासनिक सचिव, श्रम और रोजगार विभाग नागरिक सचिवालय जेएंडके आईइएस राजीव रंजन के खिलाफ आय से अधिक संपति और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी राजीव रंजन व उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने राजीव रंजन सहित कृपा शंकर रॉय और दुलारी देवी दोनों निवासी वाराणसी (यूपी) सहित अन्य अज्ञात आरोपियों को भी नामजद किया है।
दरअसल इस मामले के संबंध में सीबीआई के पास एक शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद मामले में एक स्पेशल टीम गठित की गई थी। सीबीआई की जांच टीम ने मामले में कई महीनों तक लंबी जांच पड़ताल की और आईएएस अधिकारी राजीव रंजन सहित अन्य लोगों के बैंक खातों सहित प्रॉपटी इत्यादि की जांच की।
आईएएस अधिकारी द्वारा अपने परिवार के अलावा अन्य पारिवारिक सदस्यों के नाम पर भी काफी प्रॉपटी की खरीद-फरोख्त की हुई है। इसलिए जांच रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई चंडीगढ़ ने अब आईएएस राजीव रंजन सहित अन्य के खिलाफ आरपीसी की धारा 109 और जेएंडके पीसी अधिनियम, एसवीटी 2006 की धारा 5(2) के तहत केस दर्ज किया है।
2010 बैच के हैं आईएएस अधिकारी
कुमार राजीव रंजन 2010 बैच के एजीएसयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने भावे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एलबीएसएनएए से ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग राजस्व विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में हुई थी। सीबीआई को शक है कि रंजन ने अपनी आय से ज्यादा संपत्ति बनाई है। इसलिए उनके कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। सीबीआई अधिकारी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।
गन लाइसेंस घोटाले में नाम
जम्मू-कश्मीर के फर्जी गन लाइसेंस घोटाले में रंजन का नाम प्रमुखता से आया था। इस घोटाले में कई आईएएस और जेकेएएस अफसरों पर पैसे लेकर गैरकानूनी तरीके से गन लाइसेंस बांटने का आरोप है। रंजन भी उन नौ आईएएस अधिकारियों में शामिल हैं जिन पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप है। केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। सीबीआई की जांच में पता चला है कि रंजन ने दूसरे अधिकारियों के साथ मिलकर पैसों के बदले अपात्र लोगों को गन लाइसेंस दिए।
|