Chandigarh News: सीएफए इंस्टीट्यूट ने फिन्फ्लुएंसर रिपोर्ट जारी की

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Chandigarh News: इन्वेस्टमेंट प्रोफेशनल्स के वैश्विक संगठन, सीएफए ने अपनी फिन्फ्लुएंसर रिपोर्ट क्लिक्स एंड क्रेडिबिलिटीः अंडरस्टैंडिंग फिन्फ्लुएंसर्स रोल इन इन्वेस्टमेंट डिसीज़ंस जारी की, जिसमें भारत में रिटेल निवेश के परिदृश्य में निवेश के निर्णयों को प्रभावित करने वाले फाईनेंशल इन्फ्लुएंसर्स या फिन्फ्लुएंसर्स की विकसित होती हुई भूमिका का विश्लेषण किया गया है।

इस अध्ययन में 1,600 से अधिक निवेशकों का सर्वे किया गया। 51 प्रभावशाली फाईनेंशल इन्फ्लुएंसर्स का गहन विश्लेषण किया गया। जिससे इस विकसित होते हुए परिदृश्य में संभावनाओं और कमियों का खुलासा हुआ। इस रिपोर्ट में शामिल केवल 2 प्रतिशत फाईनेंशल इन्फ्लुएंसर्स ही सेबी पर रजिस्टर्ड हैं, उसके बाद भी 33 प्रतिशत खरीदने और बेचने संबंधी परामर्श देते हैं, जिससे इस मामले में दिए जाने वाले परामर्शों की विश्वसनीयता और जवाबदेही पर सवाल खड़ा होता है।

इस रिपोर्ट में निवेशकों के ऊपर फिन्फ्लुएंसर्स के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर किया गया है। 82 प्रतिशत फौलोअर्स ने बताया कि उन्होंने फिन्फ्लुएंसर के परामर्श के अनुसार निवेश किया था। इनमें से 72 प्रतिशत को वित्तीय लाभ हुआ। हालाँकि इस रिपोर्ट में शामिल जोखिमों को भी उजागर किया गया। 14 प्रतिशत बुजुर्ग निवेशकों, जिनकी उम्र 40 साल और उससे अधिक थी, ने बताया कि वो गुमराह हुए और धोखे की सलाह में फँस गए, जिससे सतर्क रहने और नियामक निगरानी करते रहने की जरूरत को बल मिलता है।

सीएफए इंस्टीट्यूट – इंडिया की कंट्री हेड, आरती पोरवाल ने कहा कि भारत में फाईनेंशल इन्फ्लुएंसर के परिवेश में जागरुकता लाने और वित्तीय ज्ञान को जनसमूह तक पहुँचाने की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन इस रिपोर्ट में जिम्मेदार व्यवहार और सूचित निर्णय लेने के महत्व पर जोर दिया गया है। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत हैं और उन्हें केवल सेबी पर रजिस्टर्ड इन्फ्लुएंसर्स से ही परामर्श लेना चाहिए। वो जिन इन्फ्लुएंसर्स का कहना मान रहे हैं, उनके क्रेडेंशियल्स की जाँच कर लेनी चाहिए। सीएफए इंस्टीट्यूट में हम रैगुलेटर्स, प्लेटफॉर्म्स, और इन्फ्लुएंसर्स के बीच ज्यादा पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि एक भरोसेमंद वित्तीय परिवेश स्थापित हो सके।