Chandigarh News: शहर में सेंकड़े ऑटो घूमते हैं, जो अपनी मनमर्जी से कहीं भी खड़े हो जाते हैं और कहीं से भी स्वारियां उठा लेते है। यहीं नही यह ऑटो चालक बिना आगे पीछे देखे ब्रेक मार देते हैं जो पीछे या आजू बाजु आ रही गाड़ियों के लिए हादसे का कारण बन जाते हैं।

यहीं नही जब भी कोई ऑटो हलका फुल्का किसी गाड़ी से टच हो भी जाता है तो वह झगड़ा करने लगते है। जीरकपुर में ऑटो चालकों के लिए कोई भी पक्का स्टैंड नही है और ना ही इन थ्री विहलर चालकों की पूरी डिटेल पुलिस के पास है। परेशानी की बात यह है के यह ऑटो चालक रोड के बीचे बीच अपने ऑटो खड़े कर जाम लगा देते हैं और एक दूसरे से पहले स्वारियां उठाने के चक्कर में आधे से ज्यादा सड़क पर कब्जा कर लेते हैं और ओवरलोड गाड़ियां करके चलते है।

जिनको पुलिस का कोई डर नही है। पटियाला चौक के दोनों तरफ इन ऑटो वालों का कब्जा है जो अपनी मनमर्जी से रोड पर ऑटो खड़ा करते हैं और स्वारियां बिठाने के लिए अक्सर झगड़ा करते रहते है। पटियाला चौक, कालका, पंचकुला हाइवे पर लाइन लगाकर ऑटो खड़े रहते हैं। वहीं डेरा बस्सी जाने के लिए बनुड जाने के लिए या फिर सिंहपुरा चौक से जीरकपुर आना हो लोगों को ऑटो का सहारा लेना पड़ता है और यह लोग मुंह मांगी कीमत वसूलते है।

रात के समय तो यह किराया कई गुना हो जाता है और लोगों को मजबूरन ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं। यदि कोई व्यक्ति रात के समय पटियाला से दिल्ली अंबाला से आता है तो उनसे घर जाने के लिए लोगों से ढाई सो से तीन सो रूपये वसूल किए जाते है जबकि दिन में यहीं किराया 20 से 50 रूपये स्पेशल ऑटो का और रूटीन में 20 से 30 रूपये लिया जाता है।

वहीं जीरकपुर से किसी सवारी ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन जाना हो तो उनसे भी 300 से 400 रूपये वसूल लिए जाते है। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर लोगों की खूब जेब लूटी जाती है। जिस तरफ प्रसाशन को ध्यान देना होगा और किराया तय करना चाहिए, ताकि आम जनता को इस लूट से बचाया जा सके।

ऑटो चालकों की मनमर्जी के साथ कई वारदतें भी ऑटो चालकों द्वारा की जाती है। हलांकि सभी ऑटो चालक ऐसे नही है लेकिन कुछेक ऑटो चालक रात के समय गैंग के रूप में काम करते हैं और लोगों के साथ लूटपाट भी करते है। पिछले समय में कई वारदतें लोगों के साथ हो चुकी है।
पिछले समय की बात करें तो पटियाला रोड से एक ऑटो गैंग ने विदेशी सवारी का पासपोर्ट व पैसे आदि लूट लिए थे, कालका चौक के पास भी ऑटो गैंग द्वारा लूट के दो तीन वारदतें कर चुके हैं। बिग बजार के सामने भी एक महिला को आकेली ऑटो में बिठाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की गई थी लेकिन महिला की दलेरी से वह बच गई थी।
जिसके बाद जीरकपुर पुलिस ने उस समय सभी ऑटो चालकों को इकठा किया था और उनकी डिटेल व सबके ऑटो के कागजात पुलिस के पास देने की बात हुई थी। लेकिन वह मामला एक मीटिंग के बाद ठंडे बसते में चला गया और आज तक किसी ऑटो चालक की डिटेल पुलिस के पास नही पहुंची।
जबकि यह बेहद जरूरी है। छोटी छोटी घटानाएं व वारदतें अभी भी हो रही है जिसके मद्देनजर पुलिस को सबका रिकार्ड रखना बेहद जरूरी है। मैंने इन ऑटो चालकों को चेतावनी दी थी के वह यहां ऑटो ना खड़े करें और स्वारियों को बिठाने के लिए कहीं भी ऑटो रोकना ठीक नही है।
बाकी यदि यह अब भी नही मानेंगे तो फिर कानून के हिसाब से चालान करने की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। पहले हमने सुचेत किया है ताकि उनका कोई नुकसान ना हो लेकिन अब चालान की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी और अगर वह कानूनी फ्लो नही करेंगे तो।