उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित सभी शिक्षण संस्थानों व अन्य अधिकारियों से जिले में ड्रग्स का सेवन रोकने के सुझाव मांगे और एंटी ड्रग्स कमेटी प्रत्येक शिक्षण संस्थान में बनाने के निर्देश दिए। उन्होने सभी को अपने अपने शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स के दुष्प्रभाव में बारे में जागरूकता शिविर व नुक्कड नाटक या सेमिनार के माध्यम से और हेल्प लाईन नंबर को स्कूल व कालेज में चस्पा करने व विद्याार्थियों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए।
श्रीमती मोनिका गुप्ता ने ड्रग कंट्रोलर आफिसर को निर्देश दिए कि ऐसी कैमिस्ट की दुकान जिनके पास नशा करने की कोई भी चीज मिलती है तो उस दुकान का लाईसेंस रद्य करवाया जाए ताकि स्कूल व काॅलेज के पास नशे की बिक्री को रोका जा सके और युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमारा मकसद युवा पीढी को नशे की लत से दूर रखना है। जंहा कही भी किसी को लगे कि नशे की बिक्री हो रही है तो आप सीधेतौर पर आकर मुझे बताएं, ताकि हम नशे की इस चेन को तोड सकेें। उन्होने कहा आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिये कि पुलिस विभाग द्वारा शुरू किए गए टोलफ्री नंबर 7087081100 पर मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग से संबंधित शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और मादक पदार्थों को जब्त करने के साथ-साथ इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, डीसीपी हिमाद्री कौशिक, एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, नगराधीश विश्वनाथ, सीएमओ मुक्ता कुमार, एसीपी अजीत सिंह, प्रिंसीपल जीसीडब्लयू, जी सी रायपुररानी, जीआईटीआई रायपुररानी, जीसी कालका, डिप्टी सी एस, क्लिीनिकल साईक्लोजिस्ट, सोशल वर्कर सिविल अस्पताल, डीईटीसी, आईटीआई, गर्वंमेंट कालेज बूरावाला, डीडीपीओ, प्रिंसिपल जीपी नानकपुर, ड्रग कंट्रोल आफिसर, डिस्ट्रक्ट अटार्नी सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।