Chandigarh News: केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा मोबाइल तकनीक का उपयोग करके पालतू जानवरों की गणना का काम किया जा रहा है। यह काम घर-घर जाकर किया जा रहा है तथा क्षेत्र के वार्ड पार्षद की भी मदद ली जा रही है।
यह गणना दिसंबर महीने में शुरू हुई थी और इसको मुकम्मल करने के लिए 28 फरवरी तक की समय सीमा तय की गई थी लेकिन काम मुकम्मल ना होने के चलते सरकार द्वारा पूरे देश में इसकी समय सीमा एक महीना और बढ़कर 31 मार्च तक कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार पशुधन गणना का काम जीरकपुर शहर में अपनी पहली समय सीमा के अनुसार ही मुकम्मल हो गया है और जानकारी के अनुसार पूरे जीरकपुर शहर में करीब 18000 से 20000 तक पालतू जानवर है जिनका डाटा अधिकारियों द्वारा जुटाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक यह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जा रही है। इसमें जानवरों की विभिन्न प्रजातियों (गाय-बैल, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी) के साथ घरेलू, घरेलू उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा पाले जाने वाले पोल्ट्री पक्षियों (मुर्गी, बत्तख और अन्य पोल्ट्री पक्षी) की भी गणना की जा रही है। इस बार की पशुधन गणना में पोल्ट्री पक्षी की उम्र और लिंग के साथ उसकी नस्ल से जुड़ा आंकड़ा भी एकत्र किया जाएगा।