Chandigarh News: चंडीगढ़ आज समाज चण्डीगढ़ प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहाँ केंद्र के 35 स्थित एम एल कौसर सभागार में सीनियर पत्रकार एस डी शर्मा द्वारा लिखित किताब “दी मैस्ट्रोएस आई मेट ” का लोकार्पण किया गया। जो भारतीय कला और संस्कृति की दुनिया के कुछ महानतम प्रतीकों के साथ उनकी मुलाकातों का एक व्यावहारिक वृत्तांत है।
विमोचन में मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के भूतपूर्व कुलपति प्रोफेसर अरुण ग्रोवर उपस्थित थे। मुख्य अतिथियों में प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री और इतिहासकार डॉ. हरीश के. पुरी और प्रसिद्ध कथक वादक और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता गुरु डॉ. शोभा कौसर शामिल थीं।
इस अवसर पर प्रख्यात वास्तुकार डॉ. एस.एस. भट्टी और वरिष्ठ पत्रकार और टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक श्री संजय वरसैन ने अपने सम्मोहक विचार प्रस्तुत किए। शर्मा जी ने अपनी व्यक्तिगत कहानियाँ और किस्से साझा किए, कला के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय सफ़र और अमूल्य योगदान का जश्न मनाया।
इसके अतिरिक्त जाने माने कवि, लेखक एवं स्कॉलर श्री नीरज रायज़ादा, श्री ऍन एस मिन्हास ने भी अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर श्री सजल कौसर ने कार्यक्रम का आरम्भ किया तथा श्री भूपिंदर सिंह मल्लिक ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया यह कार्यक्रम प्राचीन कला केंद्र द्वारा एस.डी. शर्मा जी के सम्मान में आयोजित किया गया था, जिनके आजीवन योगदान ने भारतीय कला और संस्कृति को महत्वपूर्ण रूप से समृद्ध किया है।
इस किताब में एस डी शर्मा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित जानी मानी शख्सियतों के साथ बातचीत और अनुभवों को साँझा किया है। इस पुस्तक “द मेस्ट्रोस आई मेट’ वास्तव में भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य के दिग्गजों के साथ एक ऐसी यात्रा है जिस में उन्होंने ने विभिन्न दिग्गजों के व्यक्तिगत किस्से, गहन अध्ययन, चुनौतियों और जीत को साझा किया है।
यह पुस्तक दिग्गज या समर्पित कलाकारों की व्यक्तिगत बातचीत और साक्षात्कारों का आकर्षक संग्रह कुछ सबसे प्रतिष्ठित भारतीय शास्त्रीय उस्तादों, गायकों, संगीतकारों, रंगमंच की हस्तियों, लेखकों, कवियों के जीवन और दिमाग में उनकी शुरुआती प्रेरणाओं और कठोर प्रशिक्षण से लेकर उनके कला क्षेत्र को आकार देने वाले दर्शन तक की एक अंतरंग झलक प्रदान करती है। ये उनके कला रूपों के पीछे गहन समर्पण और जुनून को प्रकट करते हैं।
चाहे आप एक समर्पित प्रशंसक हों या एक जिज्ञासु नवागंतुक, यह पुस्तक, “द मेस्ट्रोस आई मेट” सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक प्रतिभा की एक अमूल्य समझ प्रदान करती है जो पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
एस.डी. शर्मा, एक निपुण गायक, एक अनुभवी पत्रकार और भारत सरकार के उद्यम में पूर्व वरिष्ठ कार्यकारी, ने द ट्रिब्यून, द हिंदुस्तान टाइम्स और द इंडियन एक्सप्रेस जैसे प्रमुख समाचार पत्रों में योगदान दिया है, जहाँ उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कलात्मक प्रयासों को व्यापक रूप से कवर किया है।
शर्मा जी ने 25 से अधिक वर्षों के समर्पित कला पत्रकारिता, अभ्यासरत संगीतकार और शौकिया कलाकार के साथ साथ प्रदर्शन करने वाले कलाकारों, निर्देशकों और व्यक्तिगत कलाकारों के साथ बातचीत करने का का सौभाग्य मिला और स्थापित कलाकारों की कलात्मक बिरादरी की सलाह पर इन्होने इस प्रकाशन को लाने का साहस किया, जो निश्चित रूप से नए लोगों को इसमें निहित पुराने दिग्गजों के ज्ञान और बुद्धिमत्ता को समझने में सक्षम करेगी।