Chandigarh News: पिंजौर, :कालका: पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मल्ला मोड पिंजौर से कालका के काली माता मंदिर तक बनाई गई सड़क की हालिया स्थिति ने स्थानीय निवासियों को गहरी निराशा में डाल दिया है। लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से इस सड़क की रि-कारपेटिंग का कार्य एक साल पहले पूरा हुआ था। हालांकि, सामान्य यातायात के दबाव के चलते यह सड़क निर्माण कार्य एक साल भी नहीं टिक सका। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे और टूट-फूट ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि इस परियोजना में बड़े स्तर पर अनियमितता हुई है। उनका कहना है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते सड़क निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। परिणामस्वरूप, सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ और जनता को खस्ताहाल सड़क का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने सड़क निर्माण के प्रति अधिकारियों की उदासीनता और ठेकेदार पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर गहरा रोष व्यक्त किया है।
पेचवर्क भी हुआ बेअसर
सड़क टूटने की शिकायतों के बाद, अधिकारियों ने केवल औपचारिकता निभाते हुए पेचवर्क करवाया। हालांकि, यह मरम्मत कार्य भी टिकाऊ नहीं रहा और कुछ ही दिनों में सड़क फिर से खराब हो गई। स्थानीय लोग इसे सरकारी धन का दुरुपयोग मानते हैं।
कार्रवाई की मांग
लोगों ने ठेकेदार बुद्ध ग्रुप पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। निवासियों का यह भी कहना है कि सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए।
प्रशासन की चुप्पी
विभागीय अधिकारियों की ओर से अब तक कोई ठोस बयान नहीं आया है। हालांकि, इस घटना ने प्रशासन और ठेकेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके।
जब इस बारे में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा की यदि पेचवर्क एक दिन के बाद खराब हो रहा है तो मैं खुद मौके पर जाकर देखूंगा और इस पर कार्रवाई करूंगा