Chandigarh News: चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर के भव्य सभागार में प्राचीन कला केंद्र के सौजन्य से आज ऑल इंडिया भास्कर राव के 54 वें संगीत सम्मेलन का आगाज़ हुआ।यह सम्मेलन लगातार 6 दिन रोज़ाना ,31मार्च तक 6.30 बजे इस सभागार में संगीत प्रेमियों के लिए संगीत की उत्कृष्ट प्रस्तुति का तोहफ़ा रहेगी। राष्ट्र की दिग्गज कला हस्तियों के हुनर से इस सम्मेलन की शोभा हर साल संगीत प्रेमियों के लिए इंतजार का आयाम लिए रहती है।
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित 54वें भास्कर राव सम्मेलन भी निसंदेह अपनी अमिट छाप लिए नृत्य एवं संगीत की गूंज लिए इस शहर को प्रकाशमान करता रहेगा ऐसी आशा है। केन्द्र पिछले सात दशकों से भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रचार एवं प्रसार में निरंतर कार्यरत है और यही केंद्र के जज़्बे और समर्पण को प्रमाणित करता है।
कार्यक्रमों का आयोजन केन्द्र की यह वार्षिक बहुआयामी अखिल भारतीय भास्कर राव में देश के जाने माने कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेंगें ।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चंडीगढ़ प्रशासन की सचिव श्रीमती प्रेरणा पुरी ने इस आयोजन में अपनी शिरकत करते चंडीगढ़ के संगीत प्रेमियों को इस अवसर को सफल बनाने के लिए शुभकामनाएं दी।
पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन की रस्म के पश्चात रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर,सचिव सजल कौसर द्वारा मुख्या अतिथि को शाल , मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।इसके उपरांत कला एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए चार हस्तियों को सम्मानित किया गया जिसमें हिमाचल जानेमाने संगीतज्ञ एवं गुरू पद्मश्री श्री सोमनाथ बट्टू एवं जानी मानी कत्थक गुरु श्रीमती मंजुश्री चटर्जी को पीकेके लाइफटाइम एचीवमैंट अवार्ड तहत चंडीगढ़ के दो पत्रकार श्री नीरज कुमार एवं युवा पत्रकार सुश्री एकता को क्रमशः पीकेके अवार्ड ऑफ एक्सीलैंस इन जर्नलिज्म एवं यंग जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया । इस सम्मान समारोह के बाद केन्द्र द्वारा हर साल प्रकाशित की जाने वाली स्मारिका का विमोचन किया गया ।समारोह के पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात शहनाई वादक श्री लोकेश आनंद के हृदयस्पर्शी शहनाई प्रस्तुति को दर्शकों ने आत्मसात किया।
विलम्बित लय में एक ताल में राग यमन तत्पश्चात द्रुत तीन ताल में मधुर एवं भावपूर्ण रचना और फिर पूर्वी की रचनात्मक धुन के साथ कार्यक्रम का समापन किया। तालियों की गूंज मधुर प्रस्तुति की उद्घोषक थी।तबले पर शानदार कलाकार श्री विनोद लेले ने उनका बेहतरीन साथ दिया इसके पश्चात पंडित राजेंद्र गंगानी के शानदार कथक नृत्य से दर्शक भावविभोर हो गए। उन्होंने शिव स्तुति से शुरुआत की,फिर जयपुर घराने के पारंपरिक कथक के तकनीकी भाग में तीन ताल में आमद, तोड़े, टुकड़े, परन, गत, लड़ी, चलें आदि प्रस्तुत कर अपने हुनर से सब को कायल कर दिया। इसके बाद सुंदर चाल और बहुत विशिष्ट फुटवर्क के साथ पद प्रस्तुति पेश की जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ‘छड़ो-छड़ो न बिहारी’ बोल के साथ एक शानदार ठुमरी में गजब भाव और सधे हुए नृत्य के लिए प्रसिद्द राजेंद्र गंगानी ने उत्कृष्ट प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। संगतकारों की बेहतरीन टीम में तबले पर श्री फतेह सिंह गंगानी, गायन और हारमोनियम पर श्री समीउल्लाह खान, सारंगी पर उस्ताद कमाल अहमद और सितार पर श्री विजय शर्मा ने संगत करके कार्यक्रम को शोभा मय किया सभी कलाकारों सम्मान देकर गुरुमा शोभा कौसर में उनका इस सम्मेलन पे आने के लिए धन्यवाद किया। केंद्र के सचिव सजल कौसर ने खचाखच भरे सभागार में दर्शकों का आना सम्मेलन की सफलता से परिभाषित करते कल के कार्यक्रम गायिका डॉ. निवेदिता सिंह और मोहन ब्रदर्स (सितार सरोद जुगलबंदी) के आगमन की खबर देते सबको आमंत्रित किया और इस कार्यक्रम की सफलता से आश्वस्त भी।केंद्र को इस आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई।
नीरज रायजादा
कला समीक्षक