Chandigarh News: नौ वर्षीय इश्मीत ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से जूझ रहा है, जो एक गंभीर आनुवंशिक विकार है जो उसकी मांसपेशियों को तेजी से कमजोर कर रहा है। महज चार साल की उम्र में, उसके माता-पिता की दुनिया इस बीमारी के निदान से बिखर गई थी।
एम्स के डॉक्टरों ने एलेविडिस जीन थेरेपी की सिफारिश की है, जो एक बार का उपचार है जो बीमारी की प्रगति को धीमा कर सकता है और उसे बेहतर जीवन जीने का मौका दे सकता है। इस अभूतपूर्व उपचार से उसकी मांसपेशियों में डिस्ट्रोफिन जीन का एक कार्यात्मक संस्करण पेश किया जाता है, जिससे उसकी स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलती है। परिवार इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से आवश्यक धन जुटाने के लिए समय के साथ संघर्ष कर रहा है।
डीएमडी ने पहले ही इश्मीत से बहुत कुछ छीन लिया है। वह मांसपेशियों के क्षरण को धीमा करने के लिए स्टेरॉयड और गहन फिजियोथेरेपी पर निर्भर है, लेकिन एलेविडिस जीन थेरेपी के बिना, उसकी स्थिति और बिगड़ती रहेगी। उसके माता-पिता एक ऐसे भविष्य का सपना देखते हैं जहाँ वह हिलने-डुलने के लिए संघर्ष किए बिना स्कूल जा सके, जहाँ वह गिरने के डर के बिना दोस्तों के साथ खेल सके, और जहाँ वह इस क्रूर बीमारी की छाया के बिना बड़ा हो सके।