Chandigarh News: जीरकपुर शहर और समस्या का नाखून तथा मांस का रिश्ता है। शहर का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर कोई समस्या ना हो और अधिकारियों की तरफ से इन समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसी ही समस्याओं को लेकर आज अकाली दल के पार्षद तथा शहर के गण मान्य लोग नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया से मिलने गए और उन्हें शहर की समस्याओं संबंधी अवगत करवाया लेकिन इन समस्याओं का समाधान कब होगा यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं लेकिन कार्यकारी अधिकारी से मिलने गए पार्षदों के अनुसार उन्हें आज सिर्फ एक आश्वासन ही मिला है । अधिकारियों द्वारा यह नहीं बताया गया कि इन समस्याओं का कब तक समाधान हो जाएगा। आज की मीटिंग में पार्षद यादविंदर शर्मा, तेजिंदर सिंह तेजी सिद्धू, धर्मेंद्र गौतम, प्रवीण शर्मा, जयपाल सिंह आदि ने शहर की समस्याओं संबंधी कार्यकारी अधिकारी को बताया के शहर में अवैध निर्माण जोरों पर है, कमर्शियल प्रोजेक्टों के आगे अधिकारियों की मिली भगत से इंटरलॉक टाइल लगाई जा रही है लेकिन रिहायशी क्षेत्र को अनदेखा किया जा रहा है, घर-घर से कूड़ा उठाने वालों के अपने मनमाने रेट रखे हुए हैं, शहर में अभी तक फॉगिंग का काम शुरू नहीं किया गया, कागजों में सड़कें तो तीन तीन बार बन चुकी है लेकिन असल में एक बार भी नहीं बनी, विभिन्न स्थानों पर ट्यूबवेल की मोटरों को गायब किया जा रहा है अथवा पुरानी मोटर को रिपेयर करके नई मोटर का खर्चा डाला जा रहा है। लोहगढ़ पार्क वाली रोड पर अवैध रूप से ढाबे खुल रहे हैं, जगह-जगह पर सीवरेज के मेन होल टूटे हुए हैं, वार्ड नंबर तीन के विवेक विहार,गणेश विहार ,प्रीत विहार आदि में बरसात के पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया। वार्ड नंबर 3 के प्रवीण शर्मा ने बताया कि वार्ड में घरों के बाहर सरकारी सड़कों पर ढाई ढाई फीट के रैंप बनकर कब्जा किया जा रहा है और नगर कौंसिल के अधिकारी आंखें मूंद कर सारा तमाशा देख रहे हैं। पार्षदों ने बताया कि वह अपने वार्डों तथा शहर की समस्याओं संबंधी अधिकारियों को वर्षों से अवगत करवा रहे हैं लेकिन फिर भी उनकी समस्याओं की ओर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। जिसके चलते वह परेशान होकर आज फिर से नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी को मिलने आए हैं।
इस संबंधी पक्ष जानने के लिए जब नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी को दो बार मिलने की कोशिश की गई तो उनके दफ्तर के बाहर बैठे हुए लड़के ने मिलने नहीं दिया इसके बाद दफ्तर के बाहर खड़े होकर ही जब कार्यकारी अधिकारी को फोन किया गया तो उन्होंने फोन भी नहीं उठाया।