Chandigarh News: चंडीगढ़। संजय अरोड़ा चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के नाम से प्रसिद्ध चंडीगढ़ शहर अपने सौंदर्यीकरण, सफाई व्यवस्था के साथ- साथ वेल प्लान डिजाइन के लिए भी, देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त किए हुए हैं । इस शहर में रहने वाले एवं शहर को विकसित करने एवं इसकी व्यवस्था को मेंटेन रखने में अपनी भूमिका होने पर एक कर्मी से लेकर उच्च अधिकारी तक अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस करते हैं। इन दिनों चंडीगढ़ शहर में विकास कार्यों के लिए टेंडर चाहे चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा जारी हो या केंद्रीय प्रोजेक्ट द्वारा ।
टेंडर में ठेकेदारों द्वारा 70% से अधिक का डिस्काउंट दिए जाने के मामले की गूंज चंडीगढ़ शहर में ही नहीं बल्कि इसके साथ लगते हरियाणा एवं पंजाब के क्षेत्रों में भी गुंजायमान होने लगी है। गुंजायमान हो भी क्यों ना, अभी फिलहाल कुछ ही दिन पूर्व सी पी डिवीजन नंबर 6 में कुछ ठेकेदारों द्वारा 70% से अधिक के डिस्काउंट पर टेंडर लिए गए। बताया जा रहा है इन ठेकेदारों ने करीब 17 लाख 96 हजार रुपए का काम 4 लाख 80 हजार रुपए में , 7 लाख रुपए का काम 2.5 लाख रुपए में, 4 लाख रुपए का काम 1 लाख 65 हजार में अलाट हुए, इसके अलावा 30 से 35 के करीब टेंडर अभी पाइप लाइन में है।
औसतन 70% से अधिक के भारी डिस्काउंट में लिए गए टेंडरों के कार्यों को ठेकेदार पूरा करेंगे या नहीं , करेंगे तो कैसे करेंगे, यह तो आने वाला समय तय करेगा, परंतु इन ठेकेदारों की कार्य प्रणाली ने एक बार सभी को सोचने पर विवश कर दिया है कि आखिरकार यह खेल है क्या।कुछ महीने पहले ही यह खेल शुरू हुआ अभी तो इस सारे खेल की परते खुलनी शुरू भी नहीं हुई कि कुछ अधिकारियों ने, अभी से ही अलापना शुरू कर दिया है कि इस मामले में, किसी प्रकार के घोटाले होने की संभावना नहीं, क्योंकि वे कई बार साइट पर हो रहे विकास कार्य के , निरीक्षण के लिए जाते हैं।
कुछ ठेकेदारों ने अपना नाम सामने न आने की शर्त पर बताया कि यह एक बहुत बड़ा खेल है, इसको समझ पाना इतना आसान नहीं है जितना की यह लगता है। इस बात को सभी जानते हैं कि अगर सच में इस खेल की निष्पक्षता से जांच हुई तो तो कई सफेद नकाबपोश के चेहरे सामने आ सकते हैं। दूसरा विभाग में अधिकतर कार्यरत सिफारसी एवं परिवारवादी है। इसलिए चंद कर्मी एवं अधिकारी सही रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारियों को नहीं देते ।
क्योंकि विभाग में आज भी एक से बढ़कर एक काबिल एवं ईमानदार अधिकारी ऐसे भी तैनात हैं, जो गलत काम को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते, जिस कारण चंडीगढ़ शहर का नाम आज बी सर्वश्रेष्ठ शहरों में शामिल है परंतु चंद लोगों की शह पर ये ठेकेदार बड़ा-बड़ा खेल, खेल जाते हैं। ठेकेदार भली भांति इस बात को जानते हैं कि यदि उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होती है तो उनके अंचलों पर भी छीटें पड़ेंगे जो अक्सर उनके बचाव पक्ष में रहते हैं।
टेंडरों में ठेकेदारों द्वारा 70% से अधिक का डिस्काउंट दिए जाने के बारे में जब चंडीगढ़ सीपी 6 के कार्य कारी अभियंता मोहित सिंघल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि, हाल ही में मैने ज्वाइन किया है, इससे पहले वे हरियाणा स्टेट , पंचकूला में तैनात थे । उन्होंने बताया कि इस तरह का कुछ मामला मेरे संज्ञान में भी आया है । मै भी हैरान हु कि कोई ठेकेदार इतना डिस्काउंट कैसे दे रहा हैं। मैने अपने एसडीओ को हिदायत दी है कि सबसे पहले मैटीरियल को साइड पर रखवाओ, टेंडर के अनुसार सामान की गुणवत्ता एवं क्वांटिटी की भी जांच करो ।
चंडीगढ़ शहर के विकास कार्य में गुणवत्ता को लेकर कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं होगा । आने वाले तीन महीने के एक-एक चीज की गहनता से जांच की जाएगी, उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में, किसी तरह कि , गलती की , कोई गुंजाइश नहीं है। अगर कोई दोषी पाया गया तो वो कार्रवाई करने में बिल्कुल भी नहीं चूकेंगे चाहे उनका कोई कितना भी प्रिया क्यों ना हो।
टेंडरों के अनुमानित मूल्य पर इतना ज्यादा डिस्काउंट कहीं न कहीं बहुत प्रश्न खड़े करता है। विभाग जानबूझ कर अपने टेंडरों में इतना ज्यादा रेट लगाते हैं या ये कहीं न कहीं अधिकारियों से आपसी सांठगांठ का नतीजा है पिछले कुछ महीनों के टैंडर की जांच करवाई जाए तो वो 30,,35,,40 पर्सेंटेज में गए है ये भी एक विचारणीय विषय है और इसकी भी जांच होनी चाहिए