Chandigarh News: सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज व निरंकारी राजपिता रमित जी की छत्रछाया में बठिंडा हाईवे व गांव दौला के नजदीक गिद्दड़बाहा के संत निरंकारी सत्संग भवन के नये स्थान पर विशाल निरंकारी संत समागम का आयोजन किया गया। इसमें पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से हजारों की गिनती में संगतों ने पहुंच कर आनंद प्राप्त किया। इस समागम के दौरान प्रवचनों में फरमाते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि परमात्मा को किसी भी नाम से पुकारा जाए परमात्मा एक है तथा हर जगह मौजूद है। इंसानी जीवन जो मिला है इसका एक ही उद्देश्य है परमात्मा की जानकारी हासिल करना। ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति करके इस जीवन का मुख्य उद्देश्य पूरा किया जा सकता है।
शरीर के आकार से ही मानव नहीं बनना बल्कि मानवीय गुणों मिलवर्तन, प्यार, प्रीत, करूणा, निर्मता, विशालता आदि को अपना कर ही मानव बनना है। आर्थिक तौर पर भगत के पास बेशक सुख सुविधाएं कम हो पर फिर भी भगत हमेशा निरंकार की रजा में रहता है। हम सभी ने प्रेमा भक्ति को ही प्राथमिकता देनी है। बढिय़ा जीवन व्यतीत करते अगर इंसान से कोई अनहोनी हो भी जाए तो परमात्मा को दोषी नहीं मानना भाव कोई शिकवा नहीं करना परमात्मा की रजा मानने की ताकता मांगनी है।
सतगुरु माता जी ने उदाहरण देते हुए समझाया कि खीर सफेद होती है अगर खीर में एक काला बाल भी नजर आ जाए तो सारा ध्यान उस बाल पर केन्द्रित हो जाता है तथा कटोरी एक तरफ रख दी जाती है पर कई बार उस बाल को हटाया भी जा सकता है। उसी तरह परमात्मा ने यदि हमें कुछ ऐसे हालात दिए है जो हमें अच्छे नहीं लग रहे या हमारे मुताबिक नहीं है तो हमें उन हालातों से भागना नहीं है बल्कि उन हालातों को भी प्रभु की रजा समझते हुए खुशी खुशी स्वीकार करना है।
इस मौके जोनल इंचार्ज फिरोजपुर एन.एस. गिल व गिदड़बाहा ब्रांच के मुखी दलबीर सिंह ने संगत की तरफ से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज तथा राजपिता रमित जी का यहां पहुंचने पर स्वागत तथा शुक्राना किया। राजिंदर अरोड़ा क्षेत्रीय संचालक श्री मुक्तसर साहिब ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समूह स्थानीय संयोजकों, मुखीयों व सेवादल के अधिकारियों तथा सदस्यों के अतिरिक्त विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक, राजनीतिक संस्थाओं से आए हुए गणमान्यों, नगर कौंसल गिद्दड़बाहा, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन आदि सभी सहयोगी साथियों का इस समागम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।