Mandi News : भूस्खलन की जद में आया चंडीगढ़-मनाली हाइवे

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भूस्खलन की जद में आया चंडीगढ़-मनाली हाइवे
भूस्खलन की जद में आया चंडीगढ़-मनाली हाइवे

Mandi News(आज समाज) मंडी । प्रदेश में मानसून की सक्रियता के साथ ही भूस्खलन की संभावना बढ़ने लगी है। लगभग हर बड़े शहर में हर रोज भूस्खलन की घटनाएं हो रहीं हैं। जिससे सरकारी और नीजि संपत्ति को भारी क्षति पहुंच रही है। वहीं जनहानि की संभावना भी लगातार बनी रहती है।

राजधानी शिमला सहित अन्य कई जगहों पर जहां भूस्खलन से सड़क मार्गों को क्षति पहुंची है वहीं ताजा मामला पंडोह डैम के पास नजर आ रहा है। यहां पर मानसून सीजन शुरू होते ही चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर खतरा साफ नजर आ रहा है। हाइवे पर मिट्टी धंसने से मोटी दरारें आ गई हैं। जिसके चलते यह हाइवे यातायात के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह भी आशंका है कि आने वााले दिनों में यह हाईवे एक बार फिर भूस्खलन की भेंट चढ़ जाए।

पिछले मानसून में हुआ था क्षतिग्रस्त, आठ माह बाद हुआ बहाल

मंडी जिले में पंडोह डैम के पास लगभग 40 करोड़ की लागत से डंगा लगाकर करीब आठ महीने बाद बहाल हुए चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। डंगा लगाकर तैयार किया गया नेशनल हाईवे एक बार फिर से धंसने की कगार पर आ गया है। हाईवे पर दरारें पड़ना शुरू हो गई हैं, जोकि धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। हालांकि अभी यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। जहां-जहां दरारें आई हैं, वहां-वहां स्थानीय लोगों ने पत्थर रखकर खतरे के संकेत चिहिन्त कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि पंडोह डैम के पास बीती बरसात में यह हाईवे पूरी तरह से जमींदोज हो गया था। जिसे बहाल में करने में करीब आठ महीनों का लंबा समय लग गया था। इस दौरान ट्रैफिक पंडोह डैम के पास से एक अन्य वैकल्पिक मार्ग से गुजारा गया। यदि यहां पर यह सड़क क्षतिग्रस्त होती है तो दोबारा से इसी सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ सकता है। बरसात की पहली बारिश में ही इतने बड़े डंगे के धंसने के बाद चचार्ओं का बाजार गर्म हो गया है। निर्माण कार्य और डंगे की गुणवता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।

जिला प्रशासन कर रहा लोगों से अपील

दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के आदेश के बाद राज्य में जिला स्तर पर लोगों को मानसून सीजन के दौरान सतर्क रहने की अपील की जा रही है। जिला प्रशासन लोगों को ऐसे रास्तों पर न जाने की अपील कर रहा है जहां पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। दूसरी तरफ लोगों को गहरे खड्ड, नदी, नालों से आसपास भी न जाने की अपील की जा रही है ताकि जनहानि की संभावना कम से कम की जा सके।

साहसिक खेलों पर 15 जुलाई से प्रतिबंध

राज्य सरकार ने किसी भी संभावित दुर्घटना की संभावना को टालने के लिए राज्य में होने वाले साहसिक खेलों पर दो माह के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध आने वाली 15 जुलाई से शुरू होगा और 15 सितंबर तक जारी रहेगा।