पवन चोपड़ा
(Chandigarh News) चंडीगढ़। (सवाल) मुख्यमंत्री की घोषणाओं सहित प्रदेश में निर्माणाधीन अनाज मंडियों का कार्य कब तक पूरा होगा?
(जवाब) देखिए माननीय मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में प्रदेश के हर वर्ग का चहूं मुखी विकास कराया जा रहा है! मुझे भी मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है जिसके लिए मैं भाजपा परिवार और मुख्यमंत्री नायब सैनी का आभार प्रकट करता हूं। मैं भी एक किसान परिवार से संबंधित हूं।मुझे कृषि जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी दी गई है मेरा प्रयास रहेगा कि मैं प्रदेश के धरतीपुत्र के लिए सरकार की जनकल्याण योजनाएं धरातल तक पहुंचा उन्हें लाभान्वित करूं। रही बात प्रदेश की नवनिर्माणधीन मंडियों की जहां भी कार्य किया जा रहा है उन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जिसमें विशेष कर कुरुक्षेत्र जिला की झांसा व ठोल मंडियों के दूसरे हिस्से के कार्य को भी जल्दी पूरा कर इस बार गेहूं की फसल डालने की उम्मीद है।
(सवाल) भावांतर योजना के तहत आलू उत्पादक किसानों को बीते वर्ष का दिए जाने वाला बजट कब तक जारी किया जाएगा?
(जवाब) साल 2023_ 24 का भावांतर योजना का लगभग 40 करोड़ के आसपास किसानों दिया जाना है! जिसका करीब 22% बजट किसानों के खाते में डाल दिया गया है। वहीं बकाया बजट भी जल्द ही किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा इसके लिए विभाग के आला अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए गए हैं!
इस योजना के जरिए बाजार में मिलने वाले कम भाव की भरपाई करना है। यही नहीं हरियाणा प्रदेश देश भर में सबसे अधिक 28 फसलों को एमएसपी पर खरीदने वाला पहला राज्य है।
(सवाल) पराली मे आग लगाने के मामलों में और कमी लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
(जवाब) हरियाणा प्रदेश में इस बार धान के अवशेषों में आग लगाने के मामलों में 70% कमी आई है। पराली के उचित प्रबंधन के लिए किसानों को सब्सिडी पर मशीनें मुहैया कराई जा रही हैं।
(सवाल) खेती को रसायन मुक्त करने के लिए भी सरकार की कोई विशेष योजना है?
(सवाल) खेती में रासायनिक प्रभाव को कम करने के लिए ऑर्गेनिक अनाज को बढ़ावा देने के लिए उस पर एमएसपी देने की योजना पायलट योजना पर माननीय मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर युद्ध स्तर से कार्य किया जा रहा है। क्योंकि ऑर्गेनिक खेती में अनाज की पैदावार में भारी कमी रहती है।
(सवाल) मेरा पानी_ मेरी विरासत योजना के तहत इस बार कितना लक्ष्य रखा गया?
(जवाब) बीते साल की तुलना में इस वर्ष धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य 10 लाख हेक्टेयर रखा गया है। जिसमें धान की सीधी बिजाई करने वाले किसान को प्रति एकड़ ₹7000 प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जा रहा है। इसके अलावा परंपरागत खेती को छोड़कर अन्य खेती करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹7000 प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं।
(सवाल) दूध उत्पादन और पशुधन संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है इसमें सुधार के लिए विभाग की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
(जवाब) इसमें कोई दो राय नही पशुपालन घाटे का सौदा है। पशु के ऊपर भारी भरकम खर्च करने के बावजूद भी पशुपालक अपनी लागत भी पूरी नहीं कर पाता। इसलिए किसानों को चाहिए कि बड़े स्तर पर डेरी फार्म बनाकर पशुपालन करें जिसमें तकनीक और मशीनी तरीके से दूध दोहन के कार्य करके लाभ कमाया जा सकता है सरकार द्वारा भी डेयरी फार्मो पर सब्सिडी दी जा रही है।
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