अखिलेश बंसल, बरनाला:
Chandan Jindal Of Barnala Dies In Ukraine : यूक्रेन में एमबीबीएस (चौथे सैशन) की शिक्षा ले रहे बरनाला शहर के निवासी 22 वर्षीय नौजवान चंदन जिंदल की बुधवार की सुबह मौत हो गई है। गौरतलब है कि गत 2 फरवरी को उसे दिल का दौरा पड़ा था, जिससे उसके दिमाग में जगह-जगह खून के क्लॉट जमा हो गए हैं। उसे युक्रेन के मेडीकल इंस्टीट्यूट में दाखिल करवाया गया था। जहां उसके दिमाग का बड़ा ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद उसे बेहोशी की हालत में वेंटिलेटर पर रखा गया था।
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युद्ध नहीं छिड़ता तो बच सकता था चंदन (Chandan Jindal Of Barnala Dies In Ukraine)
हालांकि चंदन का इलाज कराने उसके पिता शीषण कुमार रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले ही युक्रेन पहुंच गए थे, जिन्होंने वहां की सरकार और भारतीय राजदूत के साथ साथ भारत के प्रधान मंत्री, केंद्रीय सेहत मंत्री, विदेश मंत्री को ईमेल के द्वारा विनती पत्र भेज कर अपने बेटे को यूक्रेन से भारत ले जाने, उसे भारत में शिफ्ट करने, तथा विदेश में चल रहे इलाज के लिए आर्थिक सहायता करने के लिए गुहार लगाई थी।
जैसे ही रूस-युक्रेन युद्ध का बिगुल बजा, वहां सभी हवाई यात्राएं बंद हो गई, हर किसी का युक्रेन से बाहर निकलना बंद हो गया। यदि युद्ध नहीं छिड़ता तो भारत का चंदन आज हमारे बीच स्वस्थ रूप से खड़ा होता।
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सुरक्षा देने की जगह यूक्रेन डरा रहा भारतीयों को (Chandan Jindal Of Barnala)
चंदन जिंदल के ताऊ ने बताया कि उसका भतीजा चंदन चार साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गया था। हमें 3 तारीख को फोन आया था, चंदन का पिता शीषण कुमार, हमारा भाई कृष्ण समेत परिवार के तीन लोग युक्रेन पहुंचे। हमें डॉक्टरों ने एक बार स्थिती खतरे से बाहर बता दी थी। यदि चंदन को रोमानिया भी शिफ्ट कर दिया जाता तो उसके ठीक होने की उम्मीद लगाई जा सकती थी।
यूक्रेन एंबेसी द्वारा विद्यार्थियों को सुरक्षित बाहर निकालने और खाने पीने का कोई प्रबंध नहीं था। वहां बच्चों को बाहर नहीं निकलने के लिए डराया भी गया। (Chandan Jindal Of Barnala Dies In Ukraine) रात के वक्त हमारे समेत काफी बच्चे सुरक्षित स्थान पर पहुंच सके। भारत का वापिसी वीजा लगवाने के बाद हम 2 मार्च को भारत पहुंच सके। जैसे ही भारत पहुंचे तो आज सुबह होते ही चंदन की मौत की खबर मिली।
भाजपा नेता ने लगाई प्रधानमंत्री से गुहार (Latest Barnala News)
भाजपा नेता धीरज कुमार ने देश के प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि चंदन का शव और चंदन का इलाज कराने पहुंचे हुए उसके माता-पिता को भारत लाने का प्रबंध जल्द से जल्द किया जाए। मृतक छात्र चंदन जिन्दल के परिवार की आर्थिक मदद की जाए।