Chanakya Niti In Hindi, आज समाज, नई दिल्ली: जीवन में बुलंदियों पर पहुंचने के लिए हर व्यक्ति कड़ी मेहनत करता है लेकिन कई बार अपनी ही गलतियों के कारण वह रास्ता भटक जाता है और उसकी सारी मेहनत बेकार हो जाती है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि कैसे लोग एक गलती करके भी कामयाबी हासिल करते-करते गर्त में चले जाते हैं।
‘कौटिल्य’ के नाम से भी विख्यात हैं चाणक्य
चाणक्य ‘कौटिल्य’ के नाम से भी विख्यात हैं। उनकी पहचान एक शिक्षक और महान सलाहकार के रूप में भी की जाती है। चाणक्य ने एक महान ग्रंथ की रचना की है, जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है। इस नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र है, जिनका अध्ययन करने पर उचित मार्गदर्शन मिलता है।
जानें क्या कहता है आचार्य चाणक्य नीति का शास्त्र
आचार्य चाणक्य नीति का शास्त्र कहता है कि कई बार हमारे आसपास के लोग ही हमें आगे नहीं बढ़ने देते इसलिए हमें उनसे दूरी बना लेनी चाहिए। चाणक्य शास्त्र के अनुसार हमारे आसपास रहने वाले कुछ लोग भले ही हमारे शुभचिंतक बनने का दिखावा करें लेकिन ये पीठ पीछे छुरा घोंपने वाले होते हैं। ये आपके काम में बाधा डालकर आपको को गलत सलाह देकर लक्ष्य से भटका देते हैं। यहां हम आपको विस्तार से इनके बारे में बता रहे हैं।
पीठ पीछे बुराई करने वालों से रहें दूर
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को हमेशा पीठ पीछे बुराई करने वालों से दूर रहना चाहिए। माना जाता है कि ऐसे लोगों में हमेशा ईर्ष्या का भाव होता है। ये अक्सर कामयाबी हासिल करने में बाधा पैदा कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए आज से ही इनसे दूरी बनाएं।
मुसीबत में साथ छोड़ने वाले व्यक्ति से रहें कोसों दूर
आचार्य चाणक्य के अनुसार मुसीबत में साथ छोड़ देने वाले व्यक्ति से कई कोसों दूर रहना चाहिए। ये आपका भारी नुकसान करा सकते हैं। साथ ही ऐसे लोग हमेशा मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार हमेशा अपना काम निकलवाने वाले लोगों से सावधान रहना चाहिए। ऐसे लोग कभी भी आपका एहसान नहीं मानते हैं। साथ ही अपने लाभ के लिए ये आपका नुकसान करा सकते हैं।
मूर्ख लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए
कहते हैं कि मूर्ख इंसान हमेशा आपके रहस्य दूसरों के सामने उजागर करता है, इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। ये हमेशा आपका नुकसान कराने की सोचते हैं।
अस्वीकरण: उपरोक्त लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी सूचना व तथ्यों की सटीकता के लिए आज समाज जिम्मेदार नहीं है।