Champa plants : जानिए चंपा के पौधों की देखभाल करने के तरीके

0
56
Champa plants

Champa plants: गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग अपने घर के बगिया में अलग-अलग प्रकार के फूल के पौधे लगाते हैं। इसमें चंपा, चमेली, कनेर और सदाबहार जैसे प्लांट शामिल है। ये सभी बरसात के मौसम में भर-भर के फूल देते हैं। लेकिन कई बार एक छोटी सी गलती पौधे को सूखा या फूल को खिलने नहीं देती है। अगर आपके गार्डन में चंपा का पौधा लगा लेकिन किसी कारणवश उसमें कम फूल या कलियां नहीं बन रही है, तो यह लेख आपके लिए हेल्पफुल साबित हो सकता है। यहां आज हम आपको एक ऐसे हैक के बारे में बताने जा हैं, जिसकी मदद से आप सावन के महीने में चंपा में भर-भर के फूल पा सकती हैं।

चंपा का पौधा कैसे लगाएं?

किसी भी पौधे को हेल्दी रखने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि हम उसे किस प्रकार से गमले में लगाते हैं। अगर आपके बगीचे में चंपा का पौधा नहीं है या आप लगाने का सोच रही है, तो बता दें कि आप इसे कटिंग की मदद से ग्रो कर सकती हैं। अगर आप बड़ी कटिंग लगा रही हैं, तो इसे बड़े ग्रो बैग में लगाएं। वहीं अगर छोटी कटिंग लगा रही हैं, तो छोटे गमले में लगा सकती हैं। इसकी कटिंग को आप किसी भी महीने या समय में लगा सकती हैं। यह तेजी से ग्रो करने वाला पौधा है।

चंपा के पौधे में कौन सी खाद डालें

 

Image result for Champa plants

चंपा के पौधे में गोबर की खाद और बोन मील का उपयोग कर सकती हैं। यह पौधे के लिए बहुत फायदेमंद होती है। बता दें कि बोन मील में फास्फोरस और कैल्शियम के गुण पाए जाते हैं, जो पौधे को तेजी से बढ़ने में मदद करता है। आप चाहे तो इसे जमीन में भी लगा सकती हैं।

चंपा के पौधे की देखभाल कैसे करें?

प्लूमेरिया प्लांट यानी चंपा के पौधे में पानी डालते समय स्प्रे बोतल या पाइप की मदद से फूलों पर भी पानी डालें। ऐसा करने से फूल जल्दी पीले नहीं पड़ते और ताजे बने रहते हैं। अगर बात करें प्लांट लगाने के बेस्ट टाइम की, तो इसे फरवरी और मार्च के महीने में लगाए।

चंपा के पौधे में हमेशा केमिकल फ्री खाद का उपयोग करें। यदि आप चंपा में केमिकल कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं, तो यह अपनी पाजिटिविटी को खो देगा। कीटों से बचाने के लिए समय-समय पर घर पर तैयार कीटनाशक का स्प्रे करें। इसे आप लहसुन , नीम की पत्ती से तैयार कर सकती हैं। अधिक मात्रा में पानी का उपयोग न करें। ऐसा करने से पौधे की जड़ों में कीड़े लग सकते हैं। हर 3 हफ्ते में पौधे में खाद का इस्तेमाल करें।