नई दिल्ली। चमोली मेंगुरुवार एक बार फिर से अफरा-तफरी मच गई जब ऋषिगंगा नदी में अचानक से जल स्तर बढ़नेलगा। अचानक जल स्तर तेजी से बढ़ा गया और इस कारण वहां चल रहा राहत बचाव कार्य रोका गया। तपोवन टनल मेंमलबा निकालने के लिए मजदूर वहां मौजूद थे लेकिन जैसे ही जल स्तर बढ़ने और टनल में पानी आने की बात हुई वैसे ही उन्हेंवहां से निकलने के लिए एलार्म बज गया। बेहद जल्दी में वहां से मजदूर बाहर आए। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ”चमोली जिले में बचाव कार्य को अस्थायी तौर पर रोका गया है। ऋषिगंगा नदी में पानी का बहाव बढ़ गया है। बता दें कि ग्लेश्यिर टूटने से 7 फरवरी को पानी और मिट्टी का सैलाब आया जिसने भारी तबाही मचाई। इस तबाही केकारण अभी भी 170 लोगों की तलाश जारी है। कई लोग अभी भी लापता हैं। तपोवन टनल मेंभी तीस से अधिक लोगों के फंसे होनेकी संभावना है। गौरतलब है कि आज टनल में एकदम से पानी आने केकारण का पता नहीं चल सका। रैणी गांव से जानकारी एकत्रित करने की कोशिश की जा रही है। ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी और बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए थे। अब वहां सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ)लगातार बचाव कार्य कर रहे हैं।