(Chakhi dadari News) चरखी दादरी। पाम आयल से निर्मित खाद्य पदार्थो का सेवन शराब एवं धूम्रपान की तहर घातक है। जिससे निर्मित खाद्य पदार्थ समस्त मानवता के लिए बेहद खतरनाक व धीमे जहर का काम करता है। जिसके आयात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए।
यह बात हिंदुस्तान जनकल्याण आर्गेनाईजेशन के चेयरमैन अनिल कौशिक हालुवासिया ने केंद्रीय गृह मंत्री व केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री को पत्र लिखकर पाम आयल की आवक व खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग करते हुए कही। इसके साथ ही उन्होंने देश हित में कार्यरत विभिन्न सांगठनों से भी संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखकर भेजने का आह्वान किया है। हालुवासिया ने कहा कि देश के आपातकालीन प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान जो कि गैर लाभकारी संस्थान है, जो देश में इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते आ रहा है उनके ईएमआर के परिणाम के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में देश में ह्रदयाघात की घटनाओं में से अधिकांश मामले 50 वर्ष से कम उम्र के अल्पकाल के युवाओं के दर्ज किये गए हैं तथा जिसकी वजह पाम ऑयल का सेवन बताया गया।
पाम आयल, पामिटिक एसिड व पामोलिन आयल से निर्मित खाद्य पदार्थं मानव के लिए खतरनाक: अनिल कौशिक
हालुवासिया ने कहा कि पॉम आयल से निर्मित खाद्य पदार्थ का सेवन शराब और धूम्रपान दोनों से कहीं ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि हमारा देश दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। हमारे देश में पाम ऑयल माफियाओं का बहुत बड़ा नटवर्क है। जिसे भारत सरकार ही प्रतिबंध लगा कर हमारे देश के बच्चों के जीवन पर मंडरा रहे जानलेवा खतरे से बचा सकतीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में पाम ऑयल के बिना बहुत ही कम मात्रा में फास्ट फ़ूड उपलब्ध होगें। हालुवासिया ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश की अधिकांश किराने व अन्य दुकानों पर जाकर बच्चों के खाने का कोई ऐसा खाद्य पदार्थ खरीदने की कोशिश करें, जिसमें पाम ऑयल ना हो तो यह प्रयास असफल रहेगा। कम लागत व मोटे मुनाफे के चलते नमकीन, बिस्कुट ओर चॉकलेट भी ज्यादातर पामोलिन आयल से तैयार किये जाते है। अनिल कौशिक हालुवासिया ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हर बार जब हमारा बच्चा पाम ऑयल वाला कोई उत्पाद खाता है, तो उसका मस्तिष्क अनुचित तरीके से व्यवहार करता है और हृदय के आस-पास और हृदय में वसा स्रावित करने का संकेत देता है, जिससे बहुत कम उम्र में ही मधुमेह हो जाता है।
अनिल कौशिक हालुवासिया ने कहा कि देश में मौजूद पाम ऑयल माफियाओं द्वारा विदेशी बेहद सस्ते पाम आयल को भारतीय बाजारों में उपलब्ध कराने से खाद्य पदार्थ निर्माता इसी आयल का इस्तेमाल कर मोटा मुनाफा कमाने की होड़ में मानवता की सेहत के साथ सरेआम खिलवाड़ कर हमारे बच्चों को जंक फूड की लत लगा दी है। जिससे हृदय की सुरक्षा करने वाले फल, सब्जियां, दुध व देशी घी एक तरफ रह गई हैं। हालुवासिया ने कहा कि अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए कुछ खरीदें, तो उत्पाद का लेबल देखें। अगर इसमें पाम ऑयल या पामोलिनिक ऑयल या पामिटिक एसिड है, तो इसे खरीदने से बचें।
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