Chaitra Navratri-2025, आज समाज डिजिटल डेस्क: नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के 9 स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। 30 मार्च से नवरात्रि का पर्व चल रहा है और इस दौरान हमेशा की तरह देशभर के मंदिरों में भजन-कीर्तन व घरों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान किए जा रहे हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
शुक्र की स्थिति भी होती है बेहतर
देवी दुर्गा के स्वरूप मां कात्यायनी की आज पूजा की जा रही है। छठवें दिन मां आदिशक्ति कात्यायनी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा करने से धर्म, मोक्ष, अर्थ व काम चारों की प्राप्ति होती है। साथ ही मां कात्यायनी के पूजन से शादीशुदा जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं। विधि विधान से इनकी पूजा से शुक्र की स्थिति भी बेहतर होती है।
इसलिए पड़ा कात्यायनी नाम
आदिशक्ति कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि वनमीकथ नाम के महर्षि थे। उनका कात्य नाम का एक पुत्र था। इसके बाद कात्य गोत्र में महर्षि कात्यायन ने जन्म लिया। उनकी कोई संतान नहीं थी।
कात्यायन ने की कठोर तपस्या
कात्यायन ने मां भगवती को पुत्री के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की और उनके इस तप से प्रसन्न होकर मां भगवती ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए। इसके बाद महर्षि कात्यायन ने माता से वरदान मांगा कि वह उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। मां भगवाती ने भी उन्हें वचन दिया कि वह उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लेंगी।
एक बार तीनों लोकों पर महिषासुर नाम के एक दैत्य ने अत्याचर करना शुरू कर दिया। इससे तंग आकर सभी देवताओं ने विष्णु, ब्रह्मा व शिवजी से मदद मांगी। तब त्रिदेव के तेज से माता ने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया।, इसलिए मां इस स्वरूप को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। उन्हें ही महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है।
चार भुजाधारी हैं देवी कात्यायनी
देवी कात्यायनी के पुत्री के रूप में पधारने के बाद महर्षि कात्यायन ने सबसे पहले उनकी पूजा की। 3 दिन तक महर्षि की पूजा स्वीकार करने के बाद मां ने वहां से विदा ली और महिषासुर, शुंभ निशुंभ समेत कई राक्षसों के आतंक से संसार को मुक्त कराया। शास्त्रों के अनुसार देवी कात्यायनी चार भुजाधारी हैं। उनके एक हाथ में तलवार, दूसरे में पुष्प, तीसरे हाथ में अभय मुद्रा में है। चौथे हाथ में मां वर मुद्रा धारण किए हुए हैं।
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