Chaitra Navratri 2025, आज समाज डेस्क: सनातन धर्म में नवरात्रों को बेहद अहम माना जाता है। नवरात्रों में नौ दिन मां दुर्गा का विधि विधान से पूजा-पाठ किया जाता है। कई लोग पूरे 9 दिन उपवास करते हैं और भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। हर सनातनी को नवरात्रों का इंतजार रहता है।
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साल में चार बात आते हैं नवरात्रे
वर्ष में नवरात्रे चार बार आते हैं। इनमें दो गुप्त नवरात्रे और दो अन्य शारदीय नवरात्रे और चैत्र नवरात्रे होते हैं। पंचांग में बताया गया है कि पूरे नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रों के व्रत माता रानी की पूजा अर्चना को समर्पित होते हैं। शारदीय के बाद अब चैत्र नवरात्रे आने वाले हैं और इस बार ये सर्वार्थसिद्धि योग में शुरू होंगे। यहां हम आपको बता रहे हैं कि पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा और चैत्र नवरात्रे कब मनाए जाएंगे।
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अपार कृपा बरसाती हैं माता रानी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा की मन से भक्ति और शक्ति की उपासना करने से देवी भक्तों पर अपार कृपा बरसाती हैं। पूरे विधि विधान के साथ नवरात्र के व्रत करने व पूजा-पाठ करने से मां दुर्गा भक्तों के सभी कष्ट हर लेती हैं।
प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम इतने बजे
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार 30 मार्च (दिन रविवार) से चैत्र नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में करने से व्रत पूजा का विशेष लाभ मिलता है।
छह अप्रैल को होगी राम नवमी, गुड़ी पड़वा
छह अप्रैल को राम नवमी होगी और इसके साथ ही चैत्र नवरात्रों का समापन हो जाएगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। इसी दिन गुड़ी पड़वा पर्व भी मनाया जाएगा।
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