Chaitra Navratri 6th Day 2022
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Chaitra Navratri 6th Day 2022 : नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की नौ दिन भक्ति भाव से आराधना की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माना जाता है महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा। मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है । इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है।
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी की चार भुजा हैं और इनकी सवारी सिंह है। मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। साथ ही दूसरे हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है। मां कात्यायनी ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था जिस कारण मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी को शहद से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।
मां कात्यायनी के भोग की विधि
खीर बनाने की सामग्री
- दूध
- व्रत वाले चावल
- शहद
- इलायची
- ड्राई फ्रूट्स
खीर बनाने की विधि
- खीर को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दूध और चावल को डालकर उबाल लें।
- धीमी आंच में चावल और दूध को पकाएं।
- जब दूध गाढ़ा हो जाए तो इसमें शहद ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर डालकर मिला लें।
- इसके बाद गैस बंद कर इसे ठंडा करें और भोग में चढ़ाएं।
मां कात्यायनी पूजा विधि
प्रात: काल उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर आप पूजा के स्थान पर स्कंदमाता की मूर्ति स्थापित कर पूजन प्रारम्भ करें। सबसे पहले आप सर्वप्रथम मां की मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध कर लें और मां की मूर्ति पर सम्मुख पुष्प अर्पित करें। मां कत्यायनी को लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। माता को पीले रंग के पकड़ों से सजाएं। फिर माता की पूजा बाकि दिनों की तरह ही करें। इस दिन पूजा में दिन शहद का प्रयोग करें। मां को भोग लगाने के बाद इसी शहद से बने प्रसाद को अपनों को ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
मां कात्यायनी मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
मां कात्यायनी का दूसरा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
जाानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
- दिनांक 07 अप्रैल 2022
- तिथि: षष्ठी – 20:34:26 तक
- नक्षत्र: मृगशिरा – 22:41:49 तक
- योग: सौभाग्य – 09:30:16 तक
- सूर्योदय: 06:05:04 AM
- सूर्यास्त: 18:42:11 PM
- चन्द्रमा: वृषभ राशि – 09:10:03 तक
- राहुकाल: 13:58:16 से 15:32:54 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
- शुभ मुहूर्त का समय, अभिजीत मुहूर्त: 11:58:23 से 12:48:52 तक
- दिशा शूल: दक्षिण
अशुभ मुहूर्त का समय
- दुष्टमुहूर्त: 10:17:27 से 11:07:55 तक, 15:20:17 से 16:10:45 तक
- कुलिक: 10:17:27 से 11:07:55 तक
- कंटक: 15:20:17 से 16:10:45 तक
- कालवेला / अर्द्धयाम: 17:01:14 से 17:51:42 तक
- यमघण्ट: 06:55:33 से 07:46:01 तक
- यमगण्ड: 06:05:04 से 07:39:43 तक
- गुलिक काल: 09:14:21 से 10:48:59 तक
Chaitra Navratri 6th Day 2022
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