Chaitra Navratri
आज समाज डिजिटल, अम्बाला:
Chaitra Navratri चैत्र नवरात्र शुरूआत दो अप्रैल शनिवार से हो रही है। इसके चलते मंदिरों और घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। विशेष बात यह है कि मां का आगमन अश्व पर हो रहा है। एक भी तिथि का क्षय न होने से यह पर्व नौ दिनों तक माता रानी की आराधना के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व में खास बात यह है कि इन नौ दिनों में कई ऐसे योग बन रहे हैं, जो सर्व फलदायी हैं। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ऐसे योग कम आते हैं, क्योंकि नौ दिनों के पर्व में गणगौर व गणेश आदि देवताओं का भी पूजन किया जाएगा।
शुभ है अश्व पर आगमन Chaitra Navratri
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि अश्व पर सवार होकर माता रानी का आगमन होगा। अश्व को सफलता शक्ति और रफ्तार के लिए जाना जाता है। इसलिए इन नौ दिनों में साधना करने से साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा आएगी और उसके संकल्पों को भी पूर्णता मिलेगी।
मां जगदंबा जिस वाहन पर सवार होकर आती हैं, उसका विश्व पर प्रभाव पड़ता है। हालांकि देश में व्यापार क्षेत्र में काफी वृद्धि होगी। नवरात्र में कलश स्थापना एवं अखंड ज्योति का काफी महत्व है। प्रतिपदा पर सुबह 7:52 से 9:25 बजे तक एवं दोपहर 12:06 से 12:25 बजे तक कलश स्थापना व अखंड दीप प्रज्जवलन के लिए अति शुभ मुहूर्त है।
मंदिरों में शुरू हुई तैयारी Chaitra Navratri
नवरात्र पर्व को लेकर मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। शहर के बड़ी आठ्ठेवाला मंदिर, सती वाला मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, चौदस वाला मंदिर में नौ दिनों तक शहर के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। आठे वाला मंदिर में अष्टमी के दिन और चौदस वाले मंदिर पर चौदस के दिन मेले का आयोजन होता है। इन मंदिरों में कलश स्थापना विशेष रूप से नौ दिनों तक प्रज्ज्वलित रहते हैं।
Chaitra Navratri
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