Hisar University में दत्तोपंत ठेंगड़ी के निमित चेयर स्थापित

0
148
Hisar University में दत्तोपंत ठेंगड़ी के निमित चेयर स्थापित
Hisar University में दत्तोपंत ठेंगड़ी के निमित चेयर स्थापित

Hisar News : प्रवीण कुमार। हिसार। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (Guru Jambheshwar University of Science and Technology, Hisar) के डा. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय (Dr. Bhimrao Ambedkar Library) में महान अर्थशास्त्री (Economist) दत्तोपंत ठेंगड़ी (Dattopant Thengadi) के निमित प्रेरणास्रोत पीठ (चेयर) की स्थापना की गई है। इस अवसर पर महान अर्थशास्त्री दत्तोपंत ठेंगड़ी और विकसित भारत@2047 विषय पर व्याख्यान का आयोजन भी किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य (Central Executive Member) डा. इंद्रेश कुमार (Dr. Indresh Kumar) इस आयोजन में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ (Indian Labour Union) के क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार (Pawan Kumar) व कुलपति (Vice Chancellor) प्रो. नरसी राम बिश्नोई (Prof. Narsiram Bishnoi) ने की। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर (Pro. vinod chhokar) भी मंच पर उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डा. इंद्रेश कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि नए भारत, समृद्ध भारत और कल्याणकारी भारत के निर्माण में दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांतों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस चेयर के माध्यम से विश्वविद्यालय भी राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी ‘देश ही प्रथम, देश ही अंत में तथा देश ही सदैव’ के सिद्धांत को मानते थे। ठेंगड़ी ने जनसाधारण को जागृत किया तथा संगठित किया। जनसाधारण में यह विश्वास पैदा किया कि संकल्प कड़ा हो तो परिणाम अवश्य आएगा। उन्होंने श्रीराम जी के सिद्धांतों तथा योजनाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि बड़े उद्देश्यों को पाने के लिए उच्च शिक्षा, उच्च धनवान तथा उच्च शक्तिमान होना ही आवश्यक नहीं है।

डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि ठेंगड़ी का मानना था कि वर्ग संघर्ष की बजाय वर्ग सौहार्द आवश्यक है। शोषणयुक्त व्यवस्था की बजाय शोषणमुक्त करेंसी की स्थापना जरूरी है तभी शोषणमुक्त समाज का निर्माण किया जाएगा तथा समतामूलक समाज की स्थापना की जाएगी। राम राज्य के स्वपन को साकार करने के लिए अमीर और गरीब के बीच की खाई को समाप्त करना होगा।

मजदूर और मालिक की आय के बीच 1:10 से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता। डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का स्वप्न दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांतों को अपनाकर ही पूरा किया जा सकेगा। विश्वविद्यालय में स्थापित पीठ कदाचित देश में अपनी तरह की पहली पीठ है। Hisar News

यह भी पढ़ें : Haryana News : कांवड़ यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए