Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब पहुंची वित्त आयोग की टीम के सामने प्रदेश के आर्थिक तथ्य रखे। इस दौरान सीएम ने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब को अलग तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। मान ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग के बिना यह कार्य मुश्किल है।
मान ने वित्त आयोग की टीम से प्रदेश के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक पैके ज की मांग करते हुए वित्त कमीशन से 1,32,247 करोड़ रुपए के फंड्स देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन फंड्स में 75 हजार करोड़ रुपए के विकास फंड, कृषि और फसली विभिन्नता के लिए 17,950 करोड़ रुपए, पराली प्रबंधन और परिवर्तनी प्रबंधों के लिए 5025 करोड़ रुपए, नार्को-आतंकवाद और नशों की बुराई से निपटने के लिए 8846 करोड़ रुपए के अलावा उद्योग को पुर्नजीवित करन के लिए 6 हजार करोड़ रुपए शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 9426 करोड़ रुपए के फंड शहरी स्थानीय इकाईयों के लिए और 10 हजार करोड़ रुपए के फंड्स ग्रामीण स्थानीय इकाईयों के लिए देने की भी मांग की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अलग-अलग खर्चों की भी समीक्षा कर रही है और गैर-उत्पादक खर्चों को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के द्वारा हम लम्बे समय के लिए बिजली सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और हमारे बिजली ढांचे की भरोसे योग्यता को बेहतर बनाने का इरादा रखते हैं। मुख्यमंत्री ने वित्त कमीशन को राज्य की पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरन के लिए बड़े स्तर पर फंड्स अलाट करने की अपील की जिससे राष्ट्रीय फर्ज को कुशलता के साथ निभाया जा सके।
हमें विरासत में मिली समस्याएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की समस्याएं नई नहीं हैं और यह हमें विरासत में मिलीं हैं। इनमें से बहुत सी समस्याएं मतदान के दिनों से ठीक पहले पिछली सरकारों के गलत राजनैतिक फैसलों कारण पैदा हुई हैं। चाहे मार्च, 2017 में लिया गया सीसीएल का 30, 584 करोड़ रुपए का कर्ज हो या 2021 की मतदान से ठीक पहले दीं गई बड़ी-बड़ी अनावश्यक सबसिडियां हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कदमों के बुरे नतीजे आज भी महसूस किये जा रहे हैं क्योंकि हम विरासत में मिलीं इन चुनौतियों के बीच वित्तीय मजबूती हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।