नई दिल्ली। दिल्ली की सत्ता और पश्चिम बंगाल की कुर्सीकेबीच तनाव जारी है। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव खत्म होने केबाद भी सत्तारूढ़टीएमसी की नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जीऔर विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच रार जारी है। पीएम नरेंद्र मोदी की चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक में बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय नहीं पहुंचे। जिसकेबाद से केंद्र और सीएम ममता बनर्जीकेबीच खींचतान हो रही है। मुख्य सचिव केरिटायरमेंट लेनेकेबाद ममता की मुख्य सलाहाकार बनाए गए जिससेकेंद्र और खफा है। इस घटना केबाद अब केंद्र और ममता सरकार आमने-सामने है। सूचना है कि केंद्र अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। गृह मंत्रालय ने हाल ही में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अलपन बंद्योपाध्याय को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है। अगर अलपन नोटिस का जवाब तीन दिनों मेंनहीं देंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर भी की जा सकती है।
वहीं दूसरी ओर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ने भी सीएम ममता बनर्जीकेपीएम की बैठक मेंशामिल नहीं होने पर ने बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं पर कहा था कि लोक सेवा पर अहंकार हावी हो गया है। जिसकेबाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य मेंसत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल केबयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौबीसों घंटे जनसेवा में लगी हैं और राज्य के हितों को लेकर अपनी चिंता के मद्देनजर हर कदम उठाती हैं।
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