Centre Govt On Sugarcane FRP: केंद्र सरकार ने गन्ने की न्यूनतम कीमत 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 से 340 रुपए की

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Centre Govt On Sugarcane FRP
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर।

Aaj Samaj (आज समाज), Centre Govt On Sugarcane FRP, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आंदोलन के बीच किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2024-25 सीजन के लिए गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम कीमत 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 से 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला किया है।

  • कांग्रेस के समय न सम्मान था और न निधि थी

मोदी सरकार की ओर से की गई यह सबसे अधिक बढ़ोतरी

मोदी सरकार की ओर से की गई यह सबसे अधिक बढ़ोतरी है। इससे उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जहां गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन होता है।  2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा घोषित गन्ने के लिए यह उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी।

किसान हमारे अन्नदाता, सरकार बातचीत के लिए तैयार

अनुराग ठाकुर ने इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इस दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या कैबिनेट बैठक में पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई? उन्होंने कहा कि केंद्र बातचीत के लिए तैयार है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम पहले भी बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेंगे। हमें उनसे बात करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे हमारे भाई हैं और अन्नदाता हैं।

पीएम-किसान योजना के तहत 2.81 लाख करोड़ का भुगतान

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने एफआरपी को 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर पर 340 रुपए प्रति क्विंटल की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने लगभग 12 करोड़ किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि यह किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और कर्तव्य है।

यूपीए के कार्यकाल में किसानों की अनदेखी हुई

अनुराग ठाकुर ने यूपीए सरकार के कार्यकाल में किसानों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। ठाकुर ने किसानों के लिए पर्याप्त काम नहीं करने के लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय न सम्मान था और न ही निधि थी। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा उठाई गई मांगों से निपटने के दौरान देश भर के किसानों के हित को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वे चर्चा के एक और दौर के लिए आएं।

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