नई दिल्ली। लुटियन दिल्ली अब अपने नए कलेवर के लिए तैयारी कर रही है। जल्द ही सत्ता का कॉरिडोर यानी सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित किया जाएगा और इसमें प्रधानमंत्री निवास और आफिस की दूरी इतनी होगी कि पीएम पैदल चलकर भी आफिस जा सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है। नई परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद भवन बनाया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित कर दिया जाएगा। साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) को उसके वर्तमान स्थल से कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।
एक साझा केंद्रीय सचिवालय निर्माण के लिए आईजीएनसीए इमारत के अलावा उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, उपराष्ट्रपति आवास सहित नौ अन्य इमारतों को तोड़ा जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय अभिलेखागार के मॉडल को भी बदला जाएगा। नई प्रस्तावित योजना में पीएम कार्यालय और आवास में परिवर्तन किय जा रहे हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि झोपड़ियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण लगभग 90 एकड़ प्रमुख भूमि बर्बाद हो गई है। इस जगह का उपयोग साउथ ब्लॉक के पीछे प्रधानमंत्री के लिए नया आवास और आॅफिस बनाने के लिए किया जाएगा। वहीं उपराष्ट्रपति का नया पता नार्थ ब्लॉक के उत्तर में प्रधानमंत्री के घर के ठीक सामने होगा। वर्तमान में नार्थ और साउथ ब्लॉक में केंद्र सरकार के अहम मंत्रालय हैं। इनमें वित्त, रक्षा और गृह के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय शामिल है। लेकिन नए प्रस्तावित संरचना के तहत दोनों ब्लॉक को मिलाकर इसे केंद्रीय म्यूजियम बना दिया जाएगा। इन विभागों के मंत्रियों का कार्यालय भी कॉमन सचिवालय में शिफ्ट कर दिया जाएगा।