एजेंसी,नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता कानून का विरोध लगातार चल रहा है। सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता पक्ष ने इस तरह का कानून नहीं बनाया होता तब ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ”सरकार ऐसे विवादित विधेयक इसलिये लाती है ताकि लोग ऐसे विषयों में उलझे रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार उसी तरह से ‘बांटो और राज करो की नीति पर काम कर रही है जैसे अंग्रेज किया करते थे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, जीडीपी नीचे जा रही है, नोटबंदी से कोई लाभ नहीं हुआ और इसके बाद जीएसटी भी ठीक ढंग से लागू नहीं किया जा सका। किसान भी परेशान है। ऐसे में कोई भी इन मुद्दों को नहीं उठा सके, इसलिये केंद्र सरकार ऐसे विवादित विधेयकों को लेकर आती है। सत्ताधारी दल पर राज्यसभा में कुछ दलों पर दबाव डालकर समर्थन जुटाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले करीब छह वर्षो में इस तरह की बात देखी गई है कि कुछ क्षेत्रीय दलों पर किस तरह से दबाव डाला जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को जब कुछ नहीं सूझता तब वह पाकिस्तान का भय दिखाने लगती है।
उन्होंने बिल्ली, चूहे को डराने के लिये तो पाकिस्तान ठीक है लेकिन पाकिस्तान का नाम लेकर कब तब देश की जनता को डरायेंगे। जामिया मिलिया इस्लामिया विवि में छात्रों पर पुलिस की कथित कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी इसकी उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश के मार्गदर्शन में न्यायिक जांच कराने और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करती है। आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने से जम्मू कश्मीर के लोगों की ‘उम्मीदों की मौत हुई है और इसके लिये केंद्र की भाजपा नीत सरकार जिम्मेदार है।