एजेंसी,नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ई सिगरेट बैन करने का फैसला लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अध्यादेश लाया जायेगा। इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए कहा, ”कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने का निर्णय किया है।
इसमें ई सिगरेट के उम्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण सभी पर पूरी तरह रोक होगी। उन्होंने बताया कि ई- हुक्का को भी इसके तहत प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर राष्ट्रपति की अनुमति से अध्यादेश लाया जायेगा। परिवार कल्याण सचिव प्रीति सुडान ने जानकारी दी कि ई सिगरेट व ई हुक्का के सेवन पर 1 साल की कैद या 1 लाख का जुमार्ना लग सकता है जबकि दोबारा ऐसा करने पर 3 साल की कैद और 5 लाख तक का जुमार्ना लग सकता है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर इसमें सजा का भी प्रावधान है। पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रुपए का जुमार्ना या दोनों है। जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा 3 वर्ष होगी या 5 लाख रुपए का जुमार्ना या दोनों लगाये जा सकते हैं। ई-सिगरेट के समर्थन करने वालों का कहना होता है कि ये तंबाकू वाली सिगरेट से कम नुकसानदेह होती है। बता दें कि सीतारमण उस मंत्री समूह (जीओएम) की अध्यक्ष रही है जिसने ई-सिगरेट के विषय पर विचार किया।