Central Government: 23वां लॉ कमीशन गठित, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

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Central Government 23वां लॉ कमीशन गठित, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
Central Government : 23वां लॉ कमीशन गठित, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

23rd Law Commission, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 23वां लॉ कमीशन गठित किया है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। कानून मंत्रालय के सोमवार देर रात जारी आदेश के मुताबिक, पैनल में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष व सदस्य-सचिव सहित 4 पूर्णकालिक सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इसके अध्यक्ष और सदस्य होंगे। 23वें लॉ कामीशन आफ इंडिया का कार्यकाल तीन साल होगा। 22वें लॉ पैनल का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया था।

1955 में पहला लॉ कमीशन स्थापित किया गया

सरकार ने 22वें कमीशन का गठन 21 फरवरी 2020 को तीन साल के लिए किया था। जस्टिस अवस्थी ने 9 नवंबर 2022 को अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी 2023 में 22वें इसका कार्यकाल बढ़ा दिया था। स्वतंत्रता के बाद भारत में 1955 में पहला लॉ कमीशन स्थापित किया गया था, तब से 22 आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

जानेें क्या होता है लॉ कमीशन का काम

लॉ कमीशन का काम जटिल कानूनी मसलों पर सरकार को सलाह देना होता है। 22वें कमीशन ने सरकार को कई मामलों में सुझाव दिए गए हैं। इसमें पॉक्सो एक्ट, वन नेशन-वन इलेक्शन और आॅनलाइन एफआईआर व यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) जैसे मुद्दे शामिल हैं।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर रिपोर्ट तैयार

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आयोग की रिपोर्ट अभी तक अधूरी है। वहीं वन नेशन, वन इलेक्शन पर रिपोर्ट तैयार है, पर कानून मंत्रालय को जमा करने का इंतजार है। रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष थे, जिन्हें भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था लोकपाल का सदस्य भी नियुक्त किया गया था।

देश के हर नागरिक से जुड़ा है यूसीसी का मुद्दा

लॉ कमीशन ने 14 जून 2023 को यूसीसी पर आम लोगों व संगठनों से सुझाव मांगे थे। आयोग का मानना है कि यह मुद्दा देश के हर नागरिक से जुड़ा है, ऐसे में कोई फैसला लेने से पहले उनकी राय जानना जरूरी है। आयोग को 46 लाख से ज्यादा सुझाव मिल थे। तब जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने भी कहा था कि यूसीसी कोई नया मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा था, हमने कंसल्टेशन प्रोसेस भी शुरू कर दी है और इसके लिए कमीशन ने आम जनता की राय मांगी है।