Punjab CM News : पंजाब से चावल का उठान करें केंद्रीय एजेंसियां : मान

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Punjab CM News : पंजाब से चावल का उठान करें केंद्रीय एजेंसियां : मान
Punjab CM News : पंजाब से चावल का उठान करें केंद्रीय एजेंसियां : मान

सीएम ने केंद्रीय मंत्री को फिर लिखा पत्र

मिल मालिकों की मांगों को पूरा करने पर दिया जोर

Punjab CM News (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश में धान खरीद सीजन शुरू हो चुका है लेकिन किसानों और सरकार की परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है। हालांकि सीजन शुरू होने से पहले सीएम, मुख्य सचिव और कृषि मंत्री ने भरपूर प्रयास किए थे कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। धान खरीद सीजन शुरू होने से ठीक पहले आढ़ती और राइस मिलर मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। जिसके बाद प्रदेश सरकार और किसानों की परेशानी शुरू हो गई। इसी बीच राइस मिलर की अहम मांग को लेकर सीएम ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री से मिल मालिकों की जायज मांगों को मंजूर करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में भगवंत सिंह मान ने कहा कि सामान्यत: एफसीआई को 31 मार्च तक मिलों से चावल मिल जाता है, लेकिन खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान एफसीआई मिलों से आए चावल के लिए जगह उपलब्ध नहीं कर सकी, जिसके कारण डिलीवरी की समय सीमा 30 सितंबर 2024 तक बढ़ानी पड़ी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में पंजाब के मिल मालिक 2024-25 के खरीफ सीजन के दौरान मंडियों में आने वाले धान की उठान और भंडारण को लेकर हिचकिचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिल मालिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हर महीने कवर किए गए भंडारण से कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन चावल/गेहूं को पंजाब से बाहर भेजा जाए।

अनाज से भरे पड़े प्रदेश के गोदाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि पूरे देश में अनाज के गोदाम भरे हुए हैं, इसलिए भारत सरकार को कुछ रणनीतिक समाधान निकालने होंगे। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है, और केंद्र सरकार को उपभोक्ता राज्यों से भी तीन से छह महीनों के लिए चावल की अग्रिम लिफ्टिंग पर विचार करने के लिए कहना चाहिए, ताकि एफसीआई को पंजाब में से चावल ले जाने में मदद की जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस सीजन में केंद्रीय पूल में 120 लाख मीट्रिक टन चावल जाने की उम्मीद है। इसलिए 31 मार्च, 2025 तक केवल 90 लाख मीट्रिक टन चावल के भंडारण की जगह देना पर्याप्त नहीं होगा।

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