कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मौत मामले पर विवाद जारी
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
पिछले काफी समय से यह मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से कितनी मौत हुई। संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार की तरफ से ये कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौरान आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। सरकार के इस बयान पर गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने इसपर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि जिस रिपोर्ट को मरीज की मौत के बाद भरना होता है उसमें यह कॉलम ही नहीं है कि आक्सीजन की कमी से मौत हुई। इसी के चलते दिल्ली सरकार की भी केंद्र के साथ रार जारी है। ताजा घटनाक्रम में दिल्ली सरकार ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। यह जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि कोरोना मरीजोें की आक्सीजन की कमी से हुई मौत को केंद्र नकार रहा है। इस तरह से वह उन सभी लोगों का अपमान कर रहा है जिनकी मौत आॅक्सीजन की कमी के चलते हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि हमने सभी राज्यों को पत्र लिखा है औैर आक्सीजन की कमी से मरीजों के मरने के मामले में डाटा मांगा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुल 25 हजार लोगों की मौत हुई है। मगर बगैर जांच के यह कह पाना संभव नहीं है कि कितने लोगों की आक्सीजन की कमी से मौत हुई है। सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई थी उसे एलजीने निरस्त करा दिया। इसलिए उन्होंने दोबारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि कमेटी को बहाल कराएं।