Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़: मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कृषि व फसली विभिन्नता के लिए केंद्र सरकार से विशेष फंड उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके लिए सीएम ने केंद्रीय वित्त आयोग से 17,950 करोड़ रुपए की मांग की है। इसके साथ ही पराली प्रबंधन और परिवर्तनी प्रबंधों के लिए 5025 करोड़ रुपए की भी मांग की है। जिससे किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा सके और वायु प्रदूषण व अन्य पर्यावरण समस्याओं से निपटा जा सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब को देश के अन्न भंडारण के तौर पर जाना जाता है क्योंकि राज्य के मेहनती किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने में बेमिसाल योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का पानी बचाने का एक ही-एक रास्ता फसली विभिन्नता को उत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि यह बहुत सम्मान एंव संतोष वाली बात है कि भारत सरकार ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा खेती विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए 17, 500 रुपए प्रति हेक्टेयर रियायत के प्रस्ताव को मंजूर किया है। यह फसली चक्कर को तोड़ने में अहम कदम साबित होगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी ने देश में हरित क्रांति का नेतृत्व किया और अब इस यूनिवर्सिटी का नेतृत्व विश्व प्रसिद्ध टिशू कल्चर विशेषज्ञ कर रहे है, जो फसली विभिन्नता को उत्साहित करने में बड़ी भूमिका निभा सकते है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भूजल बचाने के लिए राज्य सरकार नहरी पानी के प्रयोग को उत्साहित करने को यकीनी बना रही है और पहले 30 प्रतिशत के मुकाबले पंजाब अब सिंचाई के लिए 70 प्रतिशत नहरी पानी इस्तेमाल कर रहा है।