नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की राजनीति में इस वक्त गर्मागर्मी का माहौल चल रहा है। एक तरफ सत्तारूढ़ दल टीएमसी है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा जो अपनी जड़ेंबंगाल में जमाने को तैयार हो रही है। एक दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल के दौरे पर थे वहां उनके काफिले पर हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब कर लिया था जिसके बाद राज्य की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय पर हमला बोला। ामता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा नड्डा के काफिले पर हुए हमले के संबंध में रिपोर्ट तलब करने पर आपत्ति जाहिर की और कहा कि ‘राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने के लिए केंद्र सरकार पत्र भेजकर जो काम कर रही है, वह असंवैधनिक है। गृह मंत्रालय का मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब करना अस्वीकार्य है।” तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि भगवा दल ऐसी स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है जहां केंद्र सरकार राज्य से संबंधित मामलों में हस्तक्षेप कर सके। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों-सौगत रॉय तथा कल्याण बनर्जी ने का्रफिले पर हुए हमलेके संबंध में कहा कि नड्डा के काफिले में दोषी अपराधी और गुंड थे तथा हिंसा भड़काने के गलत इरादे से उनके पास हथियार थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को तलब करने के बाद भी ममता सरकार ने उन्हें नई दिल्ली भेजने से मना कर दिया है। मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें 14 दिसंबर को राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बाद कंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण केलिए अधिकारियों को तलब किया है। मुख्य सचिव बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब किया गया है। बंदोपाध्याय ने अपने दो पेजों के पत्र में लिखा है, नड्डा के काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य पूरी गंभीरता के साथ मुद्दे का समाधान कर रहा है। राज्य सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई जा रही है और यह तैयार की जा रही है, ऐसी परिस्थिति में मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है कि कि राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करें।”